लोकसभा चुनाव 2019: जानिए हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट के बारे में
2014 में हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं का आंकाड़ा 12 लाख 58 हजार 601 था. इसके साथ ही इस सीट पर 12 प्रत्याशियों के बीच चुनावी घमासान हुआ था
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शिमला: हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों में सबसे अहम मानी जाने वाली कांगड़ा लोकसभा सीट पर हमेशा ही कांग्रेस और बीजेपी की बीच मुकाबला रहा है. वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. 1967 से 2014 के बीच यहां पर इस सीट पर 6 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी जीती है. कांगड़ा सीट से चार बार सांसद रहे शांता कुमार ने वर्ष 1989 में सबसे पहले सांसद बने थे. इसके अलावा, वह एक बार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. वहीं, हिमाचल के मुख्यंत्री भी रहे हैं.
क्या है मतदाताओं का आंकड़ा
2014 में हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं का आंकाड़ा 12 लाख 58 हजार 601 था. इसके साथ ही इस सीट पर 12 प्रत्याशियों के बीच चुनावी घमासान हुआ था. जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने 4 लाख 56 हजार 163 वोटों की सहायता से बेहतरीन जीत हासिल की थी.
1966 तक पंजाब का हिस्सा था कांगड़ा
1966 तक पंजाब में शामिल कांगड़ा को 1972 में पूर्ण रुप से हिमाचल प्रदेश के जिले के रूप में दर्जा मिला. इस इलाके की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है. यहां चाय के बगान तो हैं ही, साथ में छोटे-मोटे कुटीर उद्योगों के जरिए लोग अपनी आजीविका चलाते हैं. हिमालय की गोद में होने के कारण यहां भी हिमाचल के बाकी हिस्सों की तरह सैलानी घूमने आते हैं. इस लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सूबे की 17 विधानसभा सीटें आती है.