केरल की राजनीति का केंद्र कही जानें वाली इस सीट पर पतनमथिट्टा कांग्रेस को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, लेकिन इन चुनावों में सबरीमाला मंदिर का मुद्दा गर्माने की वजह से बीजेपी सेंध मारी की पूरी कोशिश कर रही है.
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नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों में हर लोकसभा सीट का एक अलग मुद्दा है. किसी सीट पर प्रत्याशी विकास और काम के मुद्दे पर लड़ रहे हैं तो किसी पर जातिवाद की रणनीति को ध्यान में रखकर, लेकिन केरल की पतनमथिट्टा लोकसभा सीट ऐसी है, जहां पर सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जा रहा है. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद यह मुद्दा काफी गरमा गया. केरल की लगभग सभी पार्टियों ने इस मुद्दे पर वोटों का ध्रुवीकरण किया है. खासकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस सीट को भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
इस आठ उम्मीदवार हैं मैदान में...
इस बार आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने एंटो एंटोनियो को, माकपा ने वीना जॉर्ज को, बहुजन समाज पार्टी ने शिबू पाराक्कडवन, बीजेपी ने के. सुरेंद्रन, अंबडेकर पार्टी ऑफ इंडिया ने जोश जॉर्ज और सोशलिस्ट यूनिटी ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने बिनू बेबी को टिकट दिया है. इसके अलावा दो उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस का गढ़ कही जाती है पतनमथिट्टा
केरल की राजनीति का केंद्र कही जानें वाली इस सीट पर पतनमथिट्टा कांग्रेस को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, लेकिन इन चुनावों में सबरीमाला मंदिर का मुद्दा गर्माने की वजह से बीजेपी सेंध मारी की पूरी कोशिश कर रही है. केरल का गढ़ होने के कारण इस सीट पर जीत दर्ज कर बीजेपी दक्षिण भारत में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है, हालांकि 2014 के आंकड़ों पर नजर डालने पर पता चलता है कि शायद ही बीजेपी अपने प्लान में कामयाब हो पाएगी. 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस के एंटो एंटोनी 56,191 वोट से विजयी हुए थे. उन्हें 3,58,842 वोट हासिल हुए थे. दूसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार पेलिपोसे थॉमस रहे जिन्हें 3,02,651 वोट हासिल हुए. तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के एमटी.
क्या है जिले का आंकड़ा
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस जिले की जनसंख्या 11,97,412 थी, जिसमें से 5,61,716 पुरुष और 6,35,696 महिलाएं थीं. जिले का लैंगिक अनुपात प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले 1132 महिलाओं का है. जिले की जनसंख्या में 56.93 फीसदी हिंदू और 38.12 फीसदी क्रिश्चियन हैं. जिले की साक्षरता दर 96.55 फीसदी है. इस सीट की ज्यादातर जनसंख्या आज भी खेती पर ही आधारित है.