महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के ये दो बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी को झटका
Advertisement

महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के ये दो बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी को झटका

कांग्रेस और एनसीपी के ये दोनों ही नेता बेटों को टिकट नहीं मिलने नाराज चल रहे हैं.

महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के ये दो बड़े नेता दे सकते हैं पार्टी को झटका

मुंबई: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियासी रण अपने चरम पर है. इस बीच एनसीपी के दिग्गज नेता विजय सिंह मोहिते पाटिल अपने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं. वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल भी कभी भी कांग्रेस का हाथ झटक कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. ये दोनों ही नेता अपने अपने क्षेत्र में काफी रसूखदार हैं, लेकिन बेटे के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. इनके बेटे पहले ही बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और ये दोनों नेता भी बीजेपी में जाने के लिए हवा का रुख भांप रहे हैं.

सबसे पहले बात करते हैं महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के सांसद विजय सिंह मोहिते पाटिल की. विजय सिंह मोहित पाटिल कभी पवार के बेहद खास और विश्वस्त माने जाते थे. इनकी रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014 में मोदी लहर के बावजूद इन्होंने एनसीपी के टिकट पर माढा सीट से विजय दर्ज की. दरअसल इस बार वो चाहते थे कि माढा से उनके बेटे रणजीत को टिकट दिया जाए लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया. नतीजतन रणजीत ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद से ही विजयसिंह मोहिते पाटिल के भी बीजेपी में जाने की चर्चा तेज हो गई.

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के अकलुज में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा में मंच पर कई बड़े नेता मौजूद थे. इस रैली में महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी के सांसद विजयसिंह मोहिते पाटिल भी मौजूद रहे, जिसके चलते चर्चाएं तेज हो गई कि वह भी बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए ज़ी मीडिया से कहा कि मैं अभी भी एनसीपी का कार्यकर्ता हूं. मुझे 75 साल पूरे होने पर सत्कार के लिए बुलाया गया था. मैंने ना तो भाषण दिया और ना ही कहीं प्रचार किया. अभी मैंने कुछ तय नहीं किया है. समय आने पर फैसला लूंगा.

अगर ये मान भी लिया जाए कि विजय सिंह मोहिते पाटिल सिर्फ सम्मान के लिए बीजेपी के मंच पर पहुंचे थे तो फिर उन्होंने बीजेपी-शिवसेना के उम्मीदवार रणजीत निंबालकर की जीत की बात क्यों की. एनसीपी के नेता होने के नाते विरोधी पार्टी के उम्मीदवार की जीत की कामना कई सवाल तो खड़े करती हैं. शायद विजय सिंह मोहित पाटिल भी अपनी पार्टी के नेता शरद पवार की तरह हवा का रुख भांपने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद ही अपने पार्टी छोड़ने या नहीं छोड़ने को लेकर फैसला लेंगे.

कुछ ऐसा ही हाल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल का है. वो चाहते थे कि अहमदनगर सीट से उनके बेटे सुजोय को टिकट दिया जाए. लेकिन कांग्रेस ने ये कहकर मना कर दिया कि वो सीट एनसीपी के कोटे की है. बेटे को टिकट नहीं मिलने से राधाकृष्ण विखे पाटिल इस कदर नाराज हुए कि अहमदनगर से एनसीपी के उम्मीदवार के पक्ष में तो प्रचार करना दूर उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के पक्ष में भी प्रचार नहीं किया. 

उधर, कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद उनके बेटे सुजोय ने बीजेपी का दामन थाम लिया. राधाकृष्ण विखे पाटिल इन दिनों अपने बेटे सुजोय के लिए वोट मांग रहे हैं जो दरअसल बीजेपी का उम्मीदवार हैं. खुद राधाकृष्ण विखे पाटिल के बीजेपी में जाने को लेकर भी चर्चा तेज थी. हालांकि, राधाकृष्ण विखे पाटिल अभी बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं. शायद वो भी हवा का रुख भांप रहे हैं. उधर राधाकृष्ण विखे पाटिल कह रहे हैं कि वो अभी भी विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. लेकिन जिस तरह चर्चाएं हो रही हैं उससे साफ है कि कभी भी ये दोनों नेता बीजेपी में शामिल हो जाएं तो हैरानी नहीं होगी.  

Trending news