ST के लिए आरक्षित है मिजोरम लोकसभा सीट, कांग्रेस का रहा है दबदबा, लेकिन नए चेहरे की तलाश
यहां पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा. उसी दिन विधानसभा उपचुनाव (Aizawl West-I) भी होने वाला है.
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नई दिल्ली: मिजोरम लोकसभा सीट ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षित सीट है. 21 जनवरी 1972 को इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया. 15 साल बाद 20 फरवरी 1987 को इसे राज्य का दर्जा मिला. यहां लोकसभा के 12 चुनावों में 6 बार कांग्रेस की जीत हुई है. 4 चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई थी. 2009 से कांग्रेस के CL रुआला यहां के सांसद हैं. 2014 के चुनाव में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी रॉबर्ट रॉयट को हराया था. सीएल रुआला को 210485 और रॉबर्ट रॉयट को 204331 वोट मिले थे. रुआला ने ऐलान किया है कि वे स्वास्थ्य कारणों की वजह से चुनाव नहीं लड़ेंगे.
यहां पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा. उसी दिन विधानसभा उपचुनाव (Aizawl West-I) भी होने वाला है. कांग्रेस ने विपक्षी जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) के साथ गठबंधन किया है. दोनों मिलकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस केवल लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जबकि विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस की मदद से ZPM लड़ेगी.
विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं
राज्य में यहां नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) की सरकार है जिसका सदस्य बीजेपी भी है. यहां विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं. इनमें से कांग्रेस के पांच और जोरम पीपल्स मूवमेंट के पास 8 विधायक हैं. मिजोरम भारत के पूर्व में स्थित है. इसकी सीमा देश में त्रिपुरा, मणिपुर और असम से मिलती है. इसके अलावा इसकी सीमा बांग्लादेश और म्यांमार से भी मिलती है.
मतदाताओं की कुल संख्या 629374 है
इलेक्शन कमिशन की डेटा के मुताबिक, यहां मतदाताओं की कुल संख्या 629374 है. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 311147 है और महिला मतदाताओं की संख्या 318227 है. जनसंख्या की बात करें तो यहां की कुल आबादी 1097206 है. इनमें परुषों की संख्या 555339 और महिलाओं की संख्या 541867 है. सेक्स रेशियो की बात करें तो 1000 पुरुष पर महिलाओं की संख्या 976 है. जनसंख्या घनत्व 52 है. 85 फीसदी आबादी क्रिश्चन हैं.
यहां साक्षरता दर 91.33 फीसदी है
यहां शहरों की संख्या 22 है. यह भारत का दूसरा सबसे शिक्षित राज्य है. यहां साक्षरता दर 91.33 फीसदी है. मिजोरम यूनिवर्सिटी यहां का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी है. यहां कई अच्छे स्कूल और कॉलेज हैं. यहां लोगों की आजीविका का मुख्य साधन खेती ही है. 70 फीसदी आबादी खेती पर ही निर्भर है.