लोकसभा चुनाव 2019: अब यूपी की 13 सीटों पर होना है मतदान, आंकड़ों में बीजेपी का पलड़ा भारी
लोकसभा चुनाव 2019 के अंतिम चरण में 8 राज्यों के 59 संसदीय क्षेत्रों में मतदान होना है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 13 संसदीय सीटों पर भी मतदान होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है.
- अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की 13 संसदीय सीटों में होना है मतदान
- 2014 की तरह हुआ मतदान तो 9 सीटों पर BJP का पलड़ा रहेगा भारी
- मुख्यमंत्री योगी की गोरखपुर संसदीय सीट पर टिकी है सबकी नजर
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण में 8 राज्यों के 59 संसदीय क्षेत्रों में मतदान होना है. इस चरण में मतदान के बाद लोकसभा चुनाव 2019 की मतदान प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. चुनाव के इस अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की 13 संसदीय सीटों पर 19 मई को मतदान होगा. जिसमें बलिया, बांसगांव, चंदौली, देवरिया, गाजीपुर, घोसी, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज, सलेमपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की इन सभी 13 संसदीय सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रत्याशियों ने भारी अंतर से जीत दर्ज की थी.
हालांकि यह बात दीगर है कि 2018 में हुए गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी इस सीट को बीजेपी से छीनने में कामयाब रही थी. उल्लेखनीय है कि इस सीट से 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ चुनाव जीते थे. उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. 2018 में हुए उपचुनाव में इस सीट से गठबंधन से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण कुमार ने 4लाख 56 हजार 589 वोट हासिल कर करीब 21 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. अब देखना यह है कि 19 मई के मतदान के बाद 23 मई को आने वाले अंतिम नतीजों में बीजेपी अपनी इन सीटों को बचाने में कामयाब रहती है या फिर गठबंधन के प्रत्याशियों की विजय होती है.
2014 की तरह हुआ मतदान तो 9 सीटों पर BJP का पलड़ा रहेगा भारी
लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तर प्रदेश की इन सभी सीटों बीजेपी, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था. इस चुनाव में बीजेपी सपा और बसपा को बेहद आसानी से शिकस्त देकर जीत का परचम लहराने में कामयाब रही थी. लेकिन, बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी के लिए 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना इतना आसान नहीं रहा है. दरअसल, अबकी बार बसपा और सपा ने गठबंधन कर एक साथ बीजेपी को चुनौती दी है. मौजूदा समय में हम 2104 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के वोटों को जोड़ दे तो सिर्फ 4 सीटें ऐसी दिख रही हैं, जहां पर गठबंधन बीजेपी पर भारी दिख रहा है.
वहीं, बाकी बची 9 सीटों पर इस जोड़ के हिसाब से बीजेपी का पड़ला अभी भी भारी नजर आता है. जिन सीटों पर बीजेपी का पलड़ा भारी है, उसमें प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की सीट मिर्जापुर, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र की सीट देवरिया, राबर्ट्सगंज, सलेमपुर, बांसगांव, महाराजगंज और कुशी नगर शामिल हैं. इसके अलावा, बीते 2014 के चुनाव में पड़े वोट के आधार पर जिन संसदीय सीटों पर गठबंधन का पलड़ा भारी दिख रहा है, उसमें बलिया, चंदौली, गाजीपुर और घोंसी संसदीय सीट शामिल है. इन चारों सीटों पर बीते चुनाव में सपा और बसपा को मिले वोटों के जोड़, बीजेपी को मिले वोटों से अधिक है.
मुख्यमंत्री योगी की गोरखपुर संसदीय सीट पर टिकी है सबकी नजर
2014 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर संसदीय सीट से उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने जीत दर्ज की थी. 2018 में योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. 2018 में ही, गोरखपुर संसदीय सीट के लिए उपचुनाव कराए गए. जिसमें बीजेपी ने उपेद्र दत्त शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं सपा और बसपा ने गठबंधन कर प्रवीण कुमार को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया. उपचुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण कुमार को 4.56 लाख वोट मिले, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ल के हिस्से में 4.34 लाख वोट आए. प्रवीण कुमार करीब 22 हजार वोटों से यह चुनाव जीत गए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संसदीय सीट से उपेंद्र दत्त शुक्ल की हार को बीजेपी की बड़ी हार के तौर पर देखा गया. बीजेपी ने अपने इस गढ़ को दोबारा वापस हासिल करने के लिए इस बार भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रविकिशन शुक्ल को मैदान में उतारा है. वहीं सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से रामभुआल निषाद और कांग्रेस ने मधुसूदन तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. गोरखपुर के बीजेपी नेताओं का दावा है कि बीते चुनाव में जीत और हार का अंतर महज 22 हजार वोटों का था, तब माहौल कुछ और था, अब गोरखपुर की फिजा कुछ अगल है. बीजेपी के प्रत्याशी रवि किशन शुक्ल न केवल 22 हजार के इस मामूली अंतर को पाटेंगे, बल्कि भारी अंतर से जीत भी दर्ज करेंगे.
लोकसभा चुनाव 2014 में किस संसदीय सीट से किस प्रत्याशी को मिले कितने वोट
संसदीय क्षेत्र | बीजेपी | सपा | बसपा |
सपा-बसपा |
बीजेपी के वोटों का अंतर |
बलिया | भरत सिंह वोट-359758 |
नीरज शेखर वोट-220089 |
वीरेंद्र कुमार पाठक वोट- 141471 |
361560 | - 1802 |
बांसगांव | कमलेश पासवान वोट-417959 |
गोपाल प्रसाद वोट-133675 |
सलद प्रसाद वोट-228443 |
362118 | + 55841 |
चंदौली | डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय वोट-414135 |
रामकिशुन वोट-204145 |
अनिल कुमार मौर्य वोट-257379 |
461524 | - 47389 |
देवरिया | कलराज मिश्र वोट-496500 |
बलेश्वर यादव वोट-150852 |
निजयाज अहमद वोट-230862 |
381714 | + 114786 |
ग़ाज़ीपुर | मनोज सिन्हा वोट-306929 |
शिवकन्या कुशवाहा वोट-274477 |
कैलाश नाथ सिंह वोट-241645 |
516122 | - 209193 |
घोसी | हरिनारायण वोट-371739 |
राजीव कुमार राय वोट-165887 |
दारा सिंह चौहान वोट-233782 |
399669 | - 27930 |
गोरखपुर | योगी आदित्य नाथ वोट-538604 |
राजमती निषाद वोट-226344 |
राम बहुल निषाद वोट-176412 |
402756 | + 135848 |
गोरखपुर उपचुनाव | उपेंद्र दत्त शुक्ला वोट-434788 |
प्रवीण कुमार वोट-456589 |
- 21801 | ||
कुशीनगर | राजेश पांडेय वोट-370051 |
राधेश्याम सिंह वोट-111256 |
डॉ. संगम मिश्र वोट-132881 |
244137 | + 125914 |
महाराजगंज | पंकज वोट-471542 |
अखिलेश वोट-213974 |
निशिकांत शुक्ल वोट-231084 |
445058 | + 26484 |
मिर्ज़ापुर | अनु्प्रिया पटेल (अपना दल) वोट-436500 |
सुरेंद्र सिंह पटेल वोट-108859 |
समुद्र विंद वोट-217457 |
326316 | + 110184 |
रॉबर्ट्सगंज | छोटे लाल वोट-378211 |
पीएल कोल वोट-135966 |
शारदा प्रसाद वोट-187652 |
323618 | + 54593 |
सलेमपुर | रवींद्र कुशवाहा वोट-391636 |
हरिवंश सहाय वोट-159688 | रविशंकर वोट-159871 |
319559 | + 72077 |
वाराणसी | नरेंद्र मोदी वोट-580423 |
कैलाश चौरसिया वोट-45291 | विजय प्रकाश जयसवाल वोट-60534 |
105825 | + 474598 |