लोकसभा चुनाव 2019; पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ी: सर्वे
सीवोटर-आईएएनएस स्टेट ऑफ द नेशन ऑपिनियन पोल के अनुसार, 7 मार्च को साक्षात्कार किए गए 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे केंद्र सरकार के काम से बहुत संतुष्ट है.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार के साथ लोगों को संतुष्टि के स्तर में जबदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रेटिंग चार्ट में गिरावट आई है. सीवोटर-आईएएनएस स्टेट ऑफ द नेशन ऑपिनियन पोल के अनुसार, 7 मार्च को साक्षात्कार किए गए 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे केंद्र सरकार के काम से बहुत संतुष्ट है. 1 जनवरी को यही संख्या 36 प्रतिशत थी. वहीं 7 मार्च को नेट अप्रूवल रेटिंग में जबरदस्त उछाल आया है और यह वर्ष की शुरुआत के 32 प्रतिशत के मुकाबले लगभग दोगुना होकर 62 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
सीवोटर के चुनाव विश्लेषक यशवंत देशमुख ने ट्रेंड के बारे में बताया कि एक और सात जनवरी के बीच दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं. पहला केंद्रीय बजट और दूसरा पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर हवाई हमले की घटना. उन्होंने कहा, "बजट के बाद हमने देखा कि नेट अप्रूवल रेटिंग में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. इसलिए इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि बजट से राजग के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं मिला. पुलवामा हमले के बाद ट्रेंड में निर्णायक बढ़ोतरी और बालाकोट हवाई हमले के बाद इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई."
प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग पुलवामा हवाई हमले के साथ बढ़ी है. वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष की शुरुआत 23 प्रतिशत के अप्रूवल रेटिंग के साथ की थी. लेकिन पुलवामा और बालाकोट हवाई हमले के बाद उनकी अप्रूवल रेटिंग गिरकर 8 प्रतिशत रह गई है. चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद रेटिंग बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
निर्वाचन आयोग का सोशल मीडिया संबंधी दिशा-निर्देश
नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते वक्त अपने सोशल मीडिया खातों का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा और चुनाव आयोग फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, गूगल पर उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेगा. आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी लागू होंगे. किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है.