रामपुर लोकसभा सीट: नवाबों के इस शहर में कड़ा मुकाबला, आजम-जयाप्रदा के बीच है टक्कर
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रामपुर लोकसभा सीट: नवाबों के इस शहर में कड़ा मुकाबला, आजम-जयाप्रदा के बीच है टक्कर

रामपुर उत्तर प्रदेश का वह शहर जिसे नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. रामपुरी चाकू के साथ एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी इसी शहर में है. 

रामपुर की 45 प्रतिशत आबादी हिंदू और 50 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे 23 मई को सबके सामने होंगे. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में एक लोकसभा सीट ऐसी है, जो सबसे ज्यादा सबसे चर्चा का विषय रही है. रामपुर लोकसभा सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी की जयाप्रदा और सपा के आजम खान के बीच है. जबकि कांग्रेस की ओर से संजय कपूर और एमडीपी के टिकट पर अरसद वारसी मैदान में हैं. चार उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में हैं. 11 में से 8 उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से हैं. यूपी में तीसरे चरण में यहां मतदान हुआ था.

शहर में है एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी 
रामपुर उत्तर प्रदेश का वह शहर जिसे नवाबों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. रामपुरी चाकू के साथ एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी भी इसी शहर में है. राजनीति की अगर बात करें, तो उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर अभी बीजेपी के नेपाल सिंह सांसद हैं. रामपुर उत्तर प्रदेश लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में सातवां स्थान रखता है.

क्या कहता है राजनीति इतिहास
रामपुर लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो 1957 और 1962 के चुनावों में कांग्रेस के राजा सईद अहमद मेंहदी यहां से जीते थे. इसके बाद कांग्रेस के ही जुल्फिकार अली खान यहां पर सांसद चुने गए. 1977 में इस सीट से भारतीय लोक दल के राजेंद्र कुमार शर्मा विजयी हुए थे. इसके बाद फिर से यहां की कमान कांग्रेस के हाथ में आ गई थी. साल 1991 में फिर से राजेंद्र कुमार शर्मा फिर से सांसद बने लेकिन इस बार वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. 1998 में बीजेपी के मुख़्तार अब्बास नकवी ने रामपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनावों में अभिनेत्री और जयाप्रदा सपा के टिकट पर यहां से जीतीं. 2009 में वो फिर से यहां चुनाव जीतीं. 2014 में 16 साल बाद यहां कमल खिला था. 

2014 में खिला था कमल 
डॉ. नेपाल सिंह ने 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नसीर खान को हराकर ये सीट जीती थी. नेपाल सिंह और सपा नेता नसीर खान के बीच जीत का अंतर दो प्रतिशत वोटों का रहा था. रामपुर के वर्तमान सांसद डॉ नेपाल सिंह माध्यमिक शिक्षा मंत्री भी रहे हैं और अभी वो पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य हैं, उनकी पिछले पांच सालों में लोकसभा में उपस्थिति में 89 प्रतिशत रही और उन्होंने संसद सत्र में मात्र 38 सवाल पूछे हैं और 20 डिबेट में हिस्सा लिया है.

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मुस्लिम बहुल्य जिला है रामपुर
रामपुर की 45 प्रतिशत आबादी हिंदू और 50 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है. रामपुर की साक्षरता दर 53.34 प्रतिशत है. साल 2014 के चुनाव में 16,16,972 वोटरों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 53 प्रतिशत पुरुष और 46 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं.

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