त्रिपुरा वेस्ट: वामदलों के गढ़ में सेंध मार पाएगी BJP? अभी तक खाता भी नहीं खुला
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त्रिपुरा वेस्ट: वामदलों के गढ़ में सेंध मार पाएगी BJP? अभी तक खाता भी नहीं खुला

त्रिपुरा में लोकसभा की दो सीटें हैं और यहां दो चरणों में मतदान होगा. त्रिपुरा वेस्ट सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होगा.

2014 के चुनाव में लेफ्ट के शंकर प्रसाद की जीत हुई थी. (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली: त्रिपुरा में लोकसभा की दो सीटें हैं. यहां दो चरणों में मतदान होगा. त्रिपुरा वेस्ट लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को और त्रिपुरा ईस्ट सीट पर 18 अप्रैल को मतदान होगा. त्रिपुरा वामपंथियों का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन, 2018 विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी की बहुमत की सरकार बनी. 

त्रिपुरा वेस्ट लोकसभा सीट पर चुनाव 11 अप्रैल को है. 1996 से यहां कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा है. इस लोकसभा सीट में विधानसभा की 60 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में शंकर प्रसाद की जीत हुई थी. 2004 और 2009 के चुनाव में खगेन दास की जीत हुई थी.

त्रिपुरा भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है. इसका क्षेत्रफल 10491 स्क्वायर किलोमीटर है. इसकी सीमा बांग्लादेश, असम और मिजोरम से मिलती है. 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की कुल आबादी 3671032 है. इनमें पुरुषों की आबादी 1871867 और महिलाओं की संख्या 1799165 है. यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1248550 है. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 635976 है और महिला मतदाताओं की संख्या 612574 है.

यहां 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 961 है. जनसंख्या घनत्व 350 है. यहां की 87.75 फीसदी आबादी शिक्षित है. यहां की 70 फीसदी आबादी बंगाली है. 86 फीसदी हिंदू रहते हैं. आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. यहां NRC और सिटिन अमेंडमेंट बिल का मुद्दा गरमाया हुआ है.

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