काराकाट लोकसभा चुनाव : NDA से अलग होने के बाद क्या पार होगी उपेंद्र कुशवाहा की नैया?
काराकाट लोकसभा सीट 2002 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आयी. इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
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काराकाट : बिहार की काराकाट हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट है. यहां से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा वह उजियारपुर से भी चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में वह चुनाव जीतने में सफल रहे थे. उन्होंने आरजेडी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह को चुनाव हराया था. इस चुनाव में उनका मुकाबला जेडीयू के महाबली सिंह से है.
नए परिसीमन ने बिक्रमगंज संसदीय क्षेत्र का नाम बदलकर काराकाट कर दिया गया था. नए परिसीमन के पहले इसका अधिकांश हिस्सा बिक्रमगंज के नाम से जाना जाता था.
2014 के लोकसभा चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या कुल 15 लाख 69 हजार 989 थी. इनमें से 7 लाख 89 हजार 927 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें पुरुषों की संख्या 4,53,576 और महिलाओं की संख्या 3,36,351 रही. काराकाट की कुल आबादी तकरीबन 25 लाख है.
काराकाट लोकसभा सीट 2002 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद अस्तित्व में आयी. इस लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के खाते में कुल 338892 और आरजेडी प्रत्याशी के खाते में 233651 मत पड़े थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में आरएलएसपी बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. इस चुनाव में कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा हैं. उनकी पार्टी कुला पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है.