पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट : क्या बीजेपी लगा पाएगी जीत की हैट्रिक?
2014 के आम चुनाव के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो 1413148 मतदाताओं वाले पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट पर कुल 60.49 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
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पश्चिमी चंपारण : राष्ट्रपित महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण के पश्चिमी सीट पर लगातार दो लोकसभा चुनावों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा है. 2008 में अस्तित्व में आयी पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट के लिए 2009 के आम चुनाव में पहली बार वोट डाले गए थे. इस चुनाव में बीजेपी के डॉ. संजय जयसवाल चुनाव जीतने में सफल रहे थे. 2014 के चुनाव में वह दोबारा सांसद बने थे. इस वर्ष बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी साथ-साथ चुनाव लड़ रही है, ऐसे में यह सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी, इसकी घोषणा नहीं हुई है.
2014 के आम चुनाव के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो 1413148 मतदाताओं वाले पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट पर कुल 60.49 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस चुनाव में बीजेपी के डॉ. संजय जयसवाल के खाते में कुल 371138 वोट आए वहीं, एनडीए से अलग हुई जेडीयू ने फिल्म निर्माता प्रकाश झा को यहां से चुनावी मौदान में उतारा था.
जेडीयू उम्मीदवार प्रकाश झा के चुनाव लड़ने से यह सीट हाइप्रोफाइल हो गई थी. वहीं, लालू यादव ने अपने पुराने भरोसेमंद रघुनाथ झा को आरजेडी का टिकट दिया था. प्रकाश झा के खाते में जहां 260978 वोट पड़े वहीं, आरजेडी उम्मीदवार को महज 121787 मतों से संतोष करना पड़ा. इस चुनाव में पश्चिमी चंपारण से 12 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे थे. 18804 लोगों ने ईवीएम में नोटा का बटन दबाया.
2014 के चुनाव में यहां के आठ लाख 54 हजार 800 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या चार लाख 69 हजार 114 थी और महिलाओं की संख्या तीन लाख 85 हजार 686 थी.
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में जाएगी. अगर जाती है तो क्या बीजेपी लगातार तीसरा बार डॉ. संजय जयसवाल को यहां से चुनाव लड़ने का मौका देती है. अगर इस चुनाव में भी डॉ जयसवाल चुनाव जीतने में सफल होते हैं तो उनकी यह हैट्रिक होगी.