सिंहभूम लोकसभा सीट: सभी पार्टियों की नजर सिंहभूम पर, दिलचस्प होगा मुकाबला
Advertisement
trendingNow1498346

सिंहभूम लोकसभा सीट: सभी पार्टियों की नजर सिंहभूम पर, दिलचस्प होगा मुकाबला

एक ओर जहां सत्ता पर काबिज बीजेपी 2014 की शानदार जीत को दोहराना चाहती है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष भी बीजेपी को केंद्र से हटाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहता है.

 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर केंद्र और विपक्ष दोनों ही अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. (फाइल फोटो)
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर केंद्र और विपक्ष दोनों ही अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. (फाइल फोटो)

सिंहभूम:  2000 में बिहार से अलग होने के बाद रांची, झारखंड की राजधानी बनी. देशभर में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर केंद्र और विपक्ष दोनों ही अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. एक ओर जहां सत्ता पर काबिज बीजेपी 2014 की शानदार जीत को दोहराना चाहती है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष भी बीजेपी को केंद्र से हटाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहता है. जिसके चलते केंद्र से लेकर राज्यों तक की राजनीति गरमाई हुई है. 

वहीं, अगर झारखंड में लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में सभी सीटें जीतने के बाद बीजेपी इसे दोहराने के लिए तैयारियों में जुट गई है. झारखंड के सिंहभूम लोकसभा सीट की बात की जाए तो किसी भी पार्टी के लिए यहां से जीतना आसान नहीं होगा. सिंहभूम किसी भी पार्टी की परंपरागत सीट नहीं रही है और ऐसे में किसी भी पार्टी के लिए मतदाताओं के मूड को समझना आसान नहीं होगा. 

अगर 2009 लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने निर्दलीय चुनाव जीता था. मधु कोड़ा को 256827 वोट मिले थे. मधु कोड़ा के बाद बीजेपी के बारकुवर गगराय को सबसे अधिक 167154 वोट मिले थे. वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में बीजेपी के लक्ष्मण गिलुआ ने यहां से जीत दर्ज की थी.

लक्ष्मण गिलुआ के बाद जेबीएसपी की गीता कोड़ा को यहां से 215603 वोट मिले थे. सिंहभूम लोकसभा सीट के अंतर्गत सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, जगनाथपुर, मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा सीट आते हैं. 

बीजेपी की यही कोशिश होगी कि 2014 के रिकॉर्ड मतों से दर्ज की गई जीत को दोहराया जाए तो वहीं कांग्रेस हर हाल में यहां की सीट पर जीत दर्ज करना चाहेगी. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बीच जेएमएम और जेविएम मजबूत पार्टियां हैं. माना जा रहा है कि यहां से जेएमएम चुनाव लड़ सकती है. कौन यहां कमाल करेगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.  

Trending news

;