ममता की परेशानी देखिए, अब वो मेरे लिए पत्थरों की और थप्पड़ों की बात करती हैं: PM मोदी
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ममता की परेशानी देखिए, अब वो मेरे लिए पत्थरों की और थप्पड़ों की बात करती हैं: PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ममता दीदी ने पहले बंगाल को बर्बाद किया, अपनी सत्ता के नशे में. अब वो बंगाल को और तबाह करने पर तुल गई हैं, अपनी सत्ता जाने के डर से.

ममता की परेशानी देखिए, अब वो मेरे लिए पत्थरों की और थप्पड़ों की बात करती हैं: PM मोदी

बांकुरा: पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां रैली (lok sabha elections 2019) में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां भाजपा की रैली न हो पाए इसके लिए TMC सरकार ने पूरी शक्ति लगा दी थी. लेकिन जिस पर आपका आशीर्वाद हो, उसे आपके बीच आने से कोई नहीं रोक सकता. ममता दीदी ने पहले बंगाल को बर्बाद किया, अपनी सत्ता के नशे में. अब वो बंगाल को और तबाह करने पर तुल गई हैं, अपनी सत्ता जाने के डर से.

पीएम मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी को मां-माटी-मानुष की नहीं, सिर्फ और सिर्फ अपने हितों, अपनी कुर्सी, अपने रिश्तेदारों, अपने भतीजे, अपने टोलाबाजों की परवाह है. दीदी कितनी परेशान हैं, उसका अंदाजा उनकी भाषा से लगाया जा सकता है. अब वो मेरे लिए पत्थरों की और थप्पड़ों की बात करती हैं. अरे दीदी मुझे तो गालियों की आदत है, मैं गालियों को हजम कर लेता हूं लेकन बौखलाहट में संविधान का भी अपमान करते हुए कह रही हैं कि देश के प्रधानमंत्री को पीएम मानने को तैयार नहीं हैं. लेकिन पाकिस्तान के पीएम को, पीएम मानने में उन्हें गौरव का अनुभव होता है.

ममता बनर्जी को किया दो बार फोन
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान आया, तो मैंने ममता दीदी को दो-दो बार फोन किया, लेकिन उनका अहंकार इतना है कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से बात करना उचित नहीं समझा. यहां तक की भारत सरकार यहां के अफसरों के साथ बैठक करके राज्य की मदद करना चाहती थी लेकिन दीदी ने उस मीटिंग को भी करने से भी इनकार कर दिया. बंगाल के लोगों के साथ किया गया विश्वासघात ही दीदी को ले डूबेगा. ऐसे माहौल में आप किस सख्ती के साथ TMC के गुंडों के सामने खड़े हो रहे हैं, उसकी पूरे देश में चर्चा है.

पीएम मोदी ने कहा कि ममता दीदी, विद्वानों, विचारकों, दार्शनिकों, कलाकारों की इस माटी का रंग बदलना चाहती हैं. आज स्थिति ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो दीदी हैं, लेकिन दीदी पीछे रहकर कैसे-कैसों की दादागिरी और कैसे-कैसे लोगों की हुकूमत चलवा रही हैं, नाम का शासन तो TMC रखा है लेकिन कारोबार दीदी के ‘जगाई-मधाई’ चला रहे हैं. जिन्होंने आपको तबाह किया है, लूटा है, क्या ऐसे लोगों को माफ़ किया जा सकता है?

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इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मुझे दीदी के गुस्से की चिंता नहीं है, क्योंकि 130 करोड़ भारतवासियों का प्यार मोदी के साथ है. दीदी को तो पश्चिम बंगाल के उन करोड़ों निवासियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको चिटफंड के नाम पर ठगा गया. दीदी को उन बेटियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनके साथ आए दिन यहां अत्याचार होते हैं. दीदी को उन युवा साथियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको परीक्षा पास करने के बावजूद नौकरी नहीं मिली. दीदी को उन कर्मचारियों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको सैलरी नहीं मिलती, डीए नहीं मिल रहा, 7वें पे कमीशन के हिसाब से वेतन नहीं मिल रहा. दीदी को उन काली भक्तों, सरस्वती भक्तों, दुर्गा भक्तों, राम भक्तों के गुस्से की चिंता करनी चाहिए, जिनको पूजा भी डर-डर कर करनी पड़ती है.

पीएम मोदी ने कहा कि दीदी के दिल में घुसपैठियों के लिए, विदेशी कलाकारों के लिए ममता है. लेकिन हमारे आदिवासी युवा, हमारे सपूत जो राष्ट्र रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, उनके लिए नहीं आपने देखा है कि जब हमारे सपूतों ने पाकिस्तान के आतंकियों को घर में घुसकर मारा, तो दीदी ने आतंकियों की लाशें दिखाने की मांग की. जब पूरा देश सर्जिकल स्ट्राइक डे मना रहा था, तो पश्चिम बंगाल की सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आपके इस सेवक ने गरीबों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है. आयुष्मान भारत योजना से आपका इलाज भी मुफ्त में हो सकता था, लेकिन स्पीड ब्रेकर दीदी ने इस पर भी रोक लगा दी. ऐसी असंवेदनशील मानसिकता को उखाड़ फेंकना जरूरी है.

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