चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब के शहरी इलाकों में कांग्रेस के ‘खराब प्रदर्शन’ के कारण मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नाराजगी का शिकार हुए राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में गुरुवार को शामिल नहीं हुए और उन्होंने कहा कि उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता. अमरिंदर ने हाल में कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखकर सिद्धू का स्थानीय शासन विभाग बदलना चाहते हैं.


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सिद्धू ने कहा, ‘मुझे हल्के में नहीं लिया जा सकता. मैंने अपने जीवन के 40 साल तक अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है, भले ही वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात हो या ज्योफ्री बॉयकाट के साथ विश्वस्तरीय कमेंट्री की बात, टीवी कार्यक्रम की बात हो या प्रेरक वार्ता का मामला हो.’ उन्होंने कहा कि पंजाब में पार्टी की जीत में शहरी इलाकों ने अहम भूमिका निभाई और उनके विभाग पर निशाना साधा जा रहा है.



सिद्धू ने कहा, ‘केवल मेरे विभाग पर सार्वजनिक तौर पर निशाना साधा जा रहा है. मैं हमेशा मुझसे बड़ा होने के नाते उनका सम्मान करता हूं. मैं हमेशा उनकी बात सुनता हूं. लेकिन इससे दुख पहुंचता है. सामूहिक जिम्मेदारी कहां गई? इस हार के लिए अकेला मैं कैसे जिम्‍मेदार हुआ. वह मुझे बुलाकर वह सब कह सकते थे, जो वह कहना चाहते थे.’ हालिया आम चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की 13 में से आठ सीटों में जीत हासिल की थी. शिअद-भाजपा को चार और आप को एक सीट मिली थी.


गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मुझे दो सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी और दोनों सीटों पर कांग्रेस जीती है. भठिंडा सीट पर मिली हार के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि ये आरोप गलत हैं. कई कैबिनेट मंत्री मेरा इस्तीफा चाहते हैं, कैप्टन साहब भी हार के लिए मुझे जिम्मेदार मान रहे हैं, जबकि यह सबकी जिम्मेदारी है.