कनिमोझी के आवास पर आयकर विभाग की छापेमारी नहीं हुई, सिर्फ जांच हुई: चुनाव आयोग
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कनिमोझी के आवास पर आयकर विभाग की छापेमारी नहीं हुई, सिर्फ जांच हुई: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने गुरुवार को बताया कि पुलिस और आयकर विभाग के संयुक्त दल ने कनिमोझी के आवास पर कुछ जानकारियों से जुड़े तथ्यों की पुष्टि के लिये सिर्फ जांच पड़ताल की थी.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि तमिलनाडु में तूतीकोरिन स्थित डीएमके नेता कनिमोझी के आवास पर 16 अप्रैल को आयकर विभाग की छापेमारी नहीं की गई  थी. उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने गुरुवार को बताया कि पुलिस और आयकर विभाग के संयुक्त दल ने कनिमोझी के आवास पर कुछ जानकारियों से जुड़े तथ्यों की पुष्टि के लिये सिर्फ जांच पड़ताल की थी.  सिन्हा ने बताया कि तमिलनाडु में चुनाव खर्च से जुड़े पर्यवेक्षक से इस मामले में गुरुवार तक रिपोर्ट मांगी गई है. 

चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग के छापेमारी को विपक्ष ने चुनावी मुद्दा बनाते हुये केन्द्र की मोदी सरकार पर सरकारी तंत्र का चुनाव आयोग के माध्यम से दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चुनाव आयोग की स्वायत्तता नष्ट कर रहे हैं. 

कार्रवाई के बाद आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कनिमोझी की अनुमति से उनके आवास पर निरीक्षण किया गया था. इसमें कोई भी दस्तावेज या अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुयी. 

नमो टीवी पर प्रसारण के मामले में उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने स्पष्ट किया कि नमो टीवी प्रयोजित प्लेटफॉर्म है. इस तरह के किसी भी प्लेटफॉर्म पर मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान बंद होने की अवधि में प्रसारित कार्यक्रमों में संबद्ध क्षेत्र के किसी उम्मीदवार का जिक्र नहीं होना चाहिये. 

सक्सेना ने कहा कि प्रचार थमने के दौरान मतदान वाले चुनाव क्षेत्रों के किसी उम्मीदवार का प्रसारित कार्यक्रमों में जिक्र होने पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा. उल्लेखनीय है कि भाजपा द्वारा प्रायोजित नमो टीवी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण सहित पार्टी से जुड़े अन्य कार्य्रकम प्रसारित किये जाते हैं. 

विपक्षी दलों ने चुनाव के दौरान इस चैनल पर कार्यक्रमों के प्रसारण को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुये इसे रोकने की मांग की थी. आयोग ने डीटीएच प्रसारण सेवा आधारित ऐसे किसी प्लेटफार्म के लिये सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से लाइसेंस लेने की अनिवार्यता नहीं होने संबंधी मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर नमो टीवी पर कार्य्रकमों के सीधे प्रसारण को आचार संहिता के दायरे से बाहर बताया है. हालांकि आचार संहिता के प्रावधानों के मुताबिक इस पर प्रसारित कार्यक्रमों के लिये आयोग से पूर्व प्रमाणन कराना जरूरी है. 

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