नोएडा के इस गांव में लोगों ने किया ऐलान, लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार
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नोएडा के इस गांव में लोगों ने किया ऐलान, लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना तीरे स्थित छोटे से गांव दलेपुर के बाशिंदों ने दशकों से सरकारों और प्रशासन द्वारा बरती गई उदासीनता को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है.

नोएडा: ऊंची इमारतें, कंपनियों के ऑफिस और मॉल यहां भले ही विकास की कहानी बयां करते हो, लेकिन दिल्ली से कुछ ही दूर स्थित नोएडा का दलेपुर गांव बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं सहित आधार कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज तक से महरूम हैं. केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता महेश शर्मा 2014 में गौतम बुद्ध नगर से लोकसभा चुनाव जीते थे और वह फिर से इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना तीरे स्थित छोटे से गांव दलेपुर के बाशिंदों ने दशकों से सरकारों और प्रशासन द्वारा बरती गई उदासीनता को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है. इसके अलावा और भी कई कारण बताए जा रहे हैं. 

गांव के 250 बाशिंदों ने कहा कि वे बिजली, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाओं, सड़क संपर्क सहित आधार कार्ड जैसी बुनियादी जरूरतों से भी महरूम हैं. बुजुर्गों के पास पेंशन कार्ड भी नहीं है. गौतम बुद्ध नगर के इस गांव तक पहुंचने के लिए एकमात्र साधन नौका है. नदी पार करने के बाद लोगों को धूल भरी सड़क से करीब तीन किमी गुजरना पड़ता है. 

ग्रामीणों के मुताबिक गांव के 250 बाशिंदों में करीब 100 मतदाता हैं जबकि 2014 में यह संख्या 200 थी. इस सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होगा. बहरहाल, प्रशासन से कोई भी अधिकारी किसी जागरूकता कार्यक्रम के लिए उनके पास नहीं आया है. 

आसपास के चार गांवों के मतदाताओं के लिए गुलवाली गांव में मतदान केंद्र बनाया गया है जहां तक पहुंचने के लिए लोगों को नौका से यमुना पार करना पड़ेगा या फिर फरीदाबाद और दिल्ली के रास्ते 70 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी. अपने गांव में मतदान केंद्र नहीं होने से नाराज सतबीर त्यागी ने कहा कि अगर हम नदी में डूब कर मर गए तो? क्या सरकार हमारे परिवार की देखभाल करेगी और हमारे बच्चों को पालेगी ? उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के लिये अपनी जिंदगी खतरे में क्यों डालें, जो कभी हमारी सुध लेने नहीं आए.

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह एकमात्र गांव है जो यमुना पार है, लेकिन उत्तर प्रदेश के नोएडा में पड़ता है. भोगौलिक रूप से यह इलाका हरियाणा के नजदीक है. दलेपुर में खेती की जमीन रखने वाले लेकिन नदी के पार याकुतपुर में रहने वाले महेंद्र सिंह ने कहा कि यह गांव 1982 तक हरियाणा में था और उससे पहले पंजाब में पड़ता था. नदी के दोनों छोर पर स्थित दलेपुर और याकुतपुर आने जाने के लिए सिर्फ एक नौका है और उसका भी इंतजाम ग्रामीणों ने ही किया है. 

घनश्याम शर्मा नाम के ग्रामीण ने कहा कि उन्होंने (नेताओं ने) अब तक मदद नहीं की है, तो वे अब क्या करेंगे? देखते हैं. सत्यबीर त्यागी ने बताया कि उनकी बेटी आस्था ने राष्ट्रीय और एशिया स्तर के भारोत्तोलन खेलों में भाग लिया था लेकिन अपने गांव के हालात देख कर उन्हें उसका कोई भविष्य नजर नहीं आता. 

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान... कुछ भी गांव तक नहीं पहुंचा. सरकारी मदद से एक भी शौचालय नहीं बना है. यहां तक कि 2015 के बाद से पोलियो टीकाकरण की टीमों ने भी यहां आना बंद कर दिया है क्योंकि वे नहीं जानते कि हम उप्र में आते हैं या हरियाणा में. इस सीट से कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह और बसपा-सपा के संयुक्त उम्मीदवार सत्यवीर सिंह भी चुनाव मैदान में हैं.

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