राजभर का बंगला निरस्त, आगे की रणनीति के लिए इस तारीख को बुलाई बैठक
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राजभर का बंगला निरस्त, आगे की रणनीति के लिए इस तारीख को बुलाई बैठक

मंत्री पद गंवाने के बाद राजभर के तेवर और तीखे हो गए हैं. वह बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं. 

साल 2014 में सुभासपा और अपना दल के सहारे ही बीजेपी उत्तर प्रदेश में 73 सीटों के रिकार्ड आंकड़े को छू पाई थी.

लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और योगी सरकार के बर्खास्त मंत्री ओमप्रकाश राजभर का बंगला राज्य संपत्ति विभाग ने निरस्त कर दिया है. विभाग ने उन्हें अब विधायक के रूप में दारुलशफा में आवास आवंटित कर दिया है. इस बीच उन्होंने अपनी अगली रणनीति के लिए एक जून को संगठन की बैठक बुलाई है.

मंत्री पद गंवाने के बाद राजभर के तेवर और तीखे हो गए हैं. वह बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने एक जून को अपने संगठन की बैठक बुलाई है. इसमें राजभर अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के तीन विधायक बीजेपी में शामिल होने की खबर के बाद यूपी के मंत्री पद से बर्खास्त सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाएगी.

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बुद्धवार को ट्वीट कर कहा, 'जिस तरह मीडिया में अफवाह फैलाई जा रही है हमारे तीनों विधायक त्रिवेणी राम, कैलाशनाथ सोनकर और रामानंद बौद्ध पूरी चट्टान की तरह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ खड़े हैं. हम सब लोग संघर्षों के साथी है... भाजपा कितना भी कोशिश कर ले उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.'

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आपको बता दें साल 2002 में बीएसपी से अलग होकर सुभासपा का गठन करने वाले राजभर साल 2017 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे और मंत्री बने. राजभर के साथ उनकी पार्टी के तीन सदस्य भी जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने बीजेपी के साथ मिलकर आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था. राजभर खुद गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव जीते थे. त्रिवेणी राम भी इसी जिले की जखनिया और कैलाशनाथ सोनकर वाराणसी की अजगरा और रामानंद बौद्ध कुशीनगर की रामकोला सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे.

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