सोलापुर में पीएम मोदी की रैली, क्या शरद पवार के गढ़ पर होगा इसका असर?
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सोलापुर में पीएम मोदी की रैली, क्या शरद पवार के गढ़ पर होगा इसका असर?

सुप्रिया सुले इसी इलाके से दो बार की सांसद हैं. इसी से थोड़ी ही दूर पर शरद पवार के भतीजे और अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार भी चुनाव में अपनी ताल ठोक रहे हैं.

सोलापुर में पीएम मोदी की रैली, क्या शरद पवार के गढ़ पर होगा इसका असर?

मुंबईः 'जगह तुम्हारी, लोग भी तुम्हारे लेकिन हर वार हमारा होगा' कई सारी हिंदी फिल्मो में इस्तेमाल किया गया ये डायलाग पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर के अकलुज इलाके में हुई रैली पर सटीक बैठता हैं. अकलुज से सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर बारामति है जो एनसीपी प्रमुख शरद पवार का गढ़ है और आजतक इस गढ़ को कोई भेद नही पाया. लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले चुनाव लड़ रही हैं. सुप्रिया इसी इलाके से दो बार की सांसद हैं. इसी से थोड़ी ही दूर पर शरद पवार के भतीजे और अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार भी चुनाव में अपनी ताल ठोक रहे हैं.

अब तो आप समझ ही रहे होंगे कि पवार परिवार के दो सदस्य इन्ही इलाकों से चुनाव लड़ रहे है तो उस इलाके में पवार की कितनी पकड़ होगी. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी इलाके में जाकर पवार को ललकारा हैं. साफ है इस बार की लड़ाई पवार के अस्तित्व की भी हैं. मोदी ने अपने भाषण मे पवार को ललकारते हुए कि वो हवा का रुख भांप लेते है इसलिए लडाई शुरु होते ही मैदान छोड़कर 9 दो ग्यारह हो गए.

दरअसल पहले मावल सीट से पवार चुनाव लड़ने की तैयारी कतर रहे थे, उन्होने पार्थ के नाम पर वो सीट छोड़ दी. बता दें कि इस इलाके में शरद पवार के सिपहसालार माने जाने वाले विजय सिंह मोहिते पाटिल ने मोदी की रैली से पहले बीजेपी मे शामिल हो गए. उनके बीजेपी में शामिल हे पर खुद प्रधानमंत्री ने स्वागत किया.

यह भी पढ़ेंः जानिए कौन है वो जिसके लिए शरद पवार ने छोड़ा चुनावी मैदान

पिछले कई दिनो से विजय सिंह के बीजेपी मे जाने की खबरो से बाजार गर्म था. विजय सिंह मोहिते पाटिल एनसीपी के एक कद्दवार नेता थे और राज्य के उपमुख्य़मंत्री भी रह चुके है. पिछली बार जब शरद पवार मावल से चुनाव लड़कर जीते थे तो उस जीत में विजय सिंह की बड़ी भूमिका बताई जाती हैं. उस इलाके के राजनीतिक पंडितो की माने तो शरद पवार को जैसे से इस बात की भनक लगी उन्होंने भतीजे के नाम पर सीट छोड़ दी और खुद हार से बचने के लिए पिछले दरवाजे से निकल गए.

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