रामदास अठावले बोले, 'फडणवीस ने मुझे दिलाया भरोसा, जारी रहेगा मेरा राज्यसभा कार्यकाल'
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रामदास अठावले बोले, 'फडणवीस ने मुझे दिलाया भरोसा, जारी रहेगा मेरा राज्यसभा कार्यकाल'

अठावले ने कहा कि फडणवीस ने मुझे भरोसा दिलाया है कि अक्टूबर में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में आरपीआई को सीटें दी जाएंगी.

फोटो सौजन्य: ANI

मुंबई: लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन के बाद से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले नाराज चल रहे थे. दरअसल, बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर 25-23 के फॉर्मूले से चुनाव लड़ेंगे. इसके तहत रामदास अठावले की पार्टी को आम चुनाव के लिए महाराष्ट्र में कोई भी सीट नहीं दी गई है. वहीं, रामदास अठावले ने रविवार को एक बयान जारी किया है जिससे लग रहा है कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन से उनकी नाराजगी खत्म हो गई है. 

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मुझसे बात की. फडणवीस ने मुझे भरोसा दिया है कि मेरा राज्यसभा कार्यकाल जारी रहेगा. अठावले ने कहा कि फडणवीस आरपीआई को महाराष्ट्र में एक कैबिनेट पद या केंद्र सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री पद दिलाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि फडणवीस ने मुझे भरोसा दिलाया है कि अक्टूबर में महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में आरपीआई को सीटें दी जाएंगी.  

इससे पहले बीजेपी-शिवसेना गठबंधन पर रामदास अठावले ने कहा था कि उनकी उपेक्षा की गई है और इस फैसले पर दोनों पार्टियों को पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना उन्हें सीट नहीं देते हैं तो उनकी पार्टी को आगे की रणनीति पर विचार करना पड़ेगा. बता दें महाराष्ट्र में बनी सहमति के अनुसार, बीजेपी 25 और शिवसेना 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं.

'आरपीआई की उपेक्षा की है और मेरी उपेक्षा की है' 
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री अठावले ने कहा था, ‘रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ने की घोषणा बहुत गंभीर बात है. मैं खुश नहीं हूं. नाराज हूं. उन्होंने दलित समाज की उपेक्षा की है, आरपीआई की उपेक्षा की है और मेरी उपेक्षा की है. दलित समाज में भी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है.’

उन्होंने कहा, ‘2014 में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी. मैंने बार-बार कहा था कि बीजेपी और शिवसेना को साथ आना चाहिए. अब वे साथ आए हैं तो अच्छी बात है, लेकिन आरपीआई को भूलना ठीक बात नहीं है. हमारी महाराष्ट्र में ताकत है और आरपीआई के वोटों की बदौलत इनको जीत भी मिली. अगर हमें साथ नहीं लेते हैं तो इनको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.’

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