लोकसभा चुनाव 2019: सैम पित्रोदा का बयान, कहा- 'देश का लोकतंत्र हुआ हाईजैक'
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लोकसभा चुनाव 2019: सैम पित्रोदा का बयान, कहा- 'देश का लोकतंत्र हुआ हाईजैक'

जयपुर में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा कि पिछले पांच साल में लोकतंत्र को हाईजैक कर लिया गया है. पिछले 5 सालों में देश में क्या हुआ, ये सोचने का विषय है और अगले पांच सालों में हम देश को कहा देखना चाहते हैं ये सोचना होगा. 

उन्होंने कहा, 'सवाल करने वाले को देशद्रोही कहा जाता है'. (फाइल फोटो)

भरत राज, जयपुर: लोकसभा चुनाव 2019 से पूर्व राजनीतिक दलों की ओर से आरोप प्रत्यारोप जारी है. शुक्रवार को राजधानी जयपुर के पीसीसी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा कि पिछले पांच साल में लोकतंत्र को हाईजैक कर लिया गया है, लोगों की स्वतंत्रता खतरे में है.

पित्रोदा ने यह भी कहा कि पिछले पांच सालों में देश में क्या हुआ, ये सोचने का विषय है और अगले पांच सालों में हम देश को कहा देखना चाहते हैं ये सोचना होगा. उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों पर आगे बढ़ना हमारा मुख्य ध्येय है. 

आम जनता का जीना बेहाल
उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने आम जनता का जीना बेहाल कर दिया. मनमोहन सरकार के कार्यकाल में तेल के दाम सामान्य थे. लेकिन पिछले पांच सालों में तेल की कीमतें आसमान छू रही है. 

5 साल में नहीं मिला रोजगार
उन्होंने कहा, ''पिछले पांच साल में एक भी रोजगार का सृजन नहीं किया गया. इस सरकार को यह नहीं आता है. इसके बदले में 50 लाख रोजगार खत्म कर दिये गये. आज देश के सामने रोजगार की बडी समस्या है. जीएसटी, नोटबन्दी से पूरे देश का व्यापार ठप्प हो गया है.'' वर्तमान सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार से सवाल करने वालों को देशद्रोही करार दिया जाता हैं.

न्याय योजना होगी वरदान
इस दौरान उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कुल 52 बिन्दु शामिल किये गये है. जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार, सुरक्षा, किसान प्रमुख मुद्दें है. पित्रोदा ने यह दावा किया की मनरेगा की तरह न्याय योजना भी देश के लिए वरदान साबित होगी.

प्रियंका ने लिया चुनाव नहीं लड़ने का फैसला
प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव नही लडने के सवाल पर पित्रोदा ने कहा कि वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला प्रियंका जी का ही था, उनके पास अन्य जिम्मेदारियां थीं. पित्रोदा ने कहा ‘’उन्होंने सोचा कि किसी एक सीट पर अपना ध्यान केंद्रित करने से अच्छा है उन्हें जो काम मिला है उसपर ध्यान दिया जाए, तो यह फैसला उन्हीं का था’’.

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