कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण का दावा, कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलेगा लेकिन...
महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल नहीं होगा.
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मुंबई: महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल नहीं होगा लेकिन केंद्र की बीजेपीनीत एनडीए को हटाकर उसके नेतृत्व की ही अगली सरकार बनेगी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित नेता प्रकाश आंबेडकर नीत वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से अंतत: एनडीए को फायदा होगा. कांग्रेस और एनसीपी इस कोशिश में जुटे हैं कि महाराष्ट्र में वीबीए विपक्षी मोर्चे में शामिल हो जाए.
आंबेडकर और असदुद्दीन ओवैसी नीत 'ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लमीन' ने दलितों और मुस्लिमों का संयुक्त मोर्चा 'वीबीए' बनाया है जिसने हाल में लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. चव्हाण ने सवाल किया, "हमें स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने जा रहा. (2014 से पहले) 30 साल में किसी पार्टी को 270 सीटें नहीं मिलीं. क्या (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी अब यह (बीजेपीको बहुमत मिलने का) दावा कर रहे हैं?"
उन्होंने कहा, "उनके (बीजेपी) कुछ नेता ऐसा कह रहे हैं... मैं यह नहीं बताऊंगा कि कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी लेकिन अगली सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में बनेगी. हम 270 सीटें जीतने का दावा नहीं कर रहे लेकिन कांग्रेस नीत सरकार बनेगी."
उन्होंने यह भी दावा किया, "बीजेपी अपने गढ़ में हारेगी. इसमें मुख्य रूप से हिंदी भाषी क्षेत्र शामिल हैं और 2014 के मुकाबले चुनाव में 100 सीटें कम हासिल करेगी." चव्हान ने कहा कि विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने के लिए शुरुआत से ही बीजेपी को केंद्र में आने से रोकने के लिए प्रयासरत थीं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि बीजेपी ने पिछला चुनाव विपक्षी पार्टियों के मत विभाजन के चलते जीता था.
चव्हाण ने कहा, "वंचित बहुजन आघाडी अलग से चुनाव लड़कर 100 फीसदी बीजेपी की मदद करेगी." चव्हाण ने अपने साथी राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजाय के बीजेपी ज्वॉइन करने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. एनसीपी ने पाटिल को टिकट देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, "ये कुछ ऐसी सीट हैं जहां कांग्रेस जीत सकती अगर हम वहां से लड़ते. एनसीपी इसे अच्छी तरह से जानती है और हम भी. लेकिन ऐसा कुछ निश्चित कारणों के चलते नहीं हो रहा."