सुमित्रा ताई को लौटानी पड़ी 'इंदौर की चाबी', अब ये हैं बीजेपी में टिकट के दावेदार
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सुमित्रा ताई को लौटानी पड़ी 'इंदौर की चाबी', अब ये हैं बीजेपी में टिकट के दावेदार

सुमित्रा महाजन ने 1989 में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाशचंद्र सेठी के सामने इंदौर सीट की चाबी देने का मुद्दा उछाला था. अब यही चाबी उन्हें लौटानी पड़ रही है. 

सुमित्रा महाजन ने साफ कर दिया कि वह इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं.

इंदौर: बीजेपी की वरिष्ठतम नेताओं में शुमार सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को साफ कर दिया कि वह इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं. ताई ने अपने फैसले के बारे में शाह को भी पत्र भेज दिया है. मीरा कुमार के बाद लोकसभा अध्यक्ष के अहम ओहदे पर पहुंचने वाली दूसरी महिला नेता हैं. महाजन ने गुजरे चार दशकों में सियासत की ऊबड़-खाबड़ राहों पर सधी चाल से सफर तय किया. 

30 साल पहले निकला था 'इंदौर की चाबी' का जुमला
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 1989 में जब इंदौर क्षेत्र से अपना पहला संसदीय चुनाव लड़ीं, तब उनके सामेन मुख्य प्रतिद्वंद्वी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाशचंद्र सेठी थे. ताई ने तब सेठी से कहा था कि "चूंकि वह इंदौर की बहू के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. इसलिये अब इस सीट की चाबी उन्हें सौंप दी जाए." तब से "इंदौर की चाबी" का चुनावी जुमला चल निकला और सतत 30 सालों से यह चाबी महाजन के पास ही थी. 

75 साल के फॉर्मूले के फेर में आईं ताई 
वैसे इंदौर से लगातार आठ बार चुनाव जीतने वाली महाजन को मध्यप्रदेश की इस सीट से भाजपा के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था लेकिन इस सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में यह सवाल जोर पकड़ रहा था कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम भाजपा नेताओं की तरह महाजन को भी चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? 

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि यह उनकी पार्टी का फैसला है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को लोकसभा चुनावों का टिकट नहीं दिया जायेगा. शाह ने इस साक्षात्कार में हालांकि महाजन का नाम नहीं लिया था. लेकिन महाजन ने वक्त की नजाकत को भांपते हुए खुद घोषणा कर दी कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. 

अगले ही शुक्रवार को 76 साल की होने जा रहीं निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी इस घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, "मैं यहां-वहां से 75 साल की कैटेगरी (75 साल से ज्यादा उम्र के भाजपा नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के फॉर्मूले) के बारे में सुन रही थी .अब तो मैं इस कैटेगरी में भी आ गई हूं." 

 

किसी नए चेहरे को मिल सकता है मौका
ताई ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यह चाबी किसी नए चेहरे के हाथ में जाने वाली है. इंदौर लोकसभा सीट से भाजपा के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर व पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, भाजपा के दो अन्य विधायक-रमेश मैंदोला और उषा ठाकुर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा सांसद कृष्णमुरारी मोघे, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं. 

(इनपुट भाषा से)

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