आजादी के 70 साल बाद भी यहां चलती है राजा की 'हुकूमत', पार्टियां बदली पर बरकरार रही राजशाही
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आजादी के 70 साल बाद भी यहां चलती है राजा की 'हुकूमत', पार्टियां बदली पर बरकरार रही राजशाही

उत्‍तराखंड की टिहरी गढ़वाल सीट से महाराजा मानवेंद्र शाह आठ बार सांसद बनने का रिकार्ड बना चुके हैं. वर्तमान समय में महाराजा मानवेंद्र शाह की बहू माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह बीजेपी से सांसद हैं. 

टिहरी गढ़वाल से माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह तीसरी बार बीजेपी से है उम्‍मीदवार. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: उत्‍तराखंड की टिहरी गढ़वाल सीट पर शाह राजवंश का आजादी के बाद से प्रभुत्‍व बरकरार है. आजादी के बाद, 1951 में हुए देश के पहले लोकसभा चुनाव में शाह राजवंश की महारानी साहिबा कमलेंदु मती शाह यहां से निर्दलीय सांसद चुनी गईं. इसके बाद, उनकी राजनैतिक विरासत महाराजा मानवेंद्र शाह ने संभाली. महाराजा मानवेंद्र शाह ने टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट से 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया है. वर्तमान समय में इस संसदीय सीट से महाराजा मानवेंद्र सिंह की बहू माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह बीजेपी से सांसद हैं. माला राज्‍यलक्ष्‍मी  शाह 2012 में पहली बार सांसद बनी थीं. 

  1. टिहरी गढ़वाल से आठ बार सांसद चुने गए हैं महाराजा मानवेंद्र शाह
  2. 18 में से 11 लोकसभा चुनावों राजपरिवारने दर्ज की है जीत
  3. टिहरी गढ़वाल से माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह है बीजेपी से सांसद

लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने माला राज्‍यलक्ष्‍यमी शाह को एक बार फिर अपना उम्‍मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने प्रीतम सिंह, बीएसपी ने सत्‍यपाल को चुनावी मैदान में उतारा है. इन तीनों के अलावा, उत्‍तराखंड क्रांति दल से अनु पंत, सीपीएम से राजेंद्र पुरोहित, सर्व विकास पार्टी से गौतम बिस्‍ट, उत्‍तराखंड प्रगतिशील पार्टी से संजय कुंडलिया और उत्‍तराखंड क्रांति दल से जयप्रकाश उपाध्‍याय चुनावी मैदान में हैं. वहीं, गोपाल मनि, ब्रह्म देव झा, संजय गोयल, सरदार खान, मधु शाह और बृजभूषण करणवाल टिहरी गढ़वाल सीट से निर्दलीय उम्‍मीदवार हैं. 

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राजवंश ने पहले कांग्रेस, फिर बीजेपी का लहराया पताका
टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत देहरादून, टिहरी गढ़वाल और उत्‍तरकाशी जिले आते है. इस संसदीय सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था. इस चुनाव में राजवंश से साहिबा कमलेंदु मती शाह ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. 1957 में महारानी साहिबा कमलेंदु मती शाह की राजनैतिक विरासत महाराजा मानवेंद्र शाह के हाथ में आ गई. 1957 के लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र शाह ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. मानवेंद्र शाह ने टिहरी गढ़वाल सीट से 8 बार सांसद बनने का रिकार्ड भी बनाया है.  

मानवेंद्र शाह ने कांग्रेस की टिकट पर 1957, 1962 और 1967 का चुनाव जीता. वहीं 1991 से 2004 तक मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी की टिकट पर यहां से चुनाव जीता है. 2009 में इस सीट से कांग्रेस के विजय बहुगुणा ने जीत हासिल की. हालांकि 2012 में बीजेपी की टिकट पर माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह ने टिहरी गढ़वाल का उपचुनाव जीता. 2014 में एक बार फिर माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहीं. अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव 2019 में  माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह जीत की हैट्रिक बनाती हैं या बाजी कांग्रेस के हाथों में आती है.  

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1.90 लाख वोटो से महारानी ने दी थी कांग्रेस उम्‍मीदवार को पटखनी
टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत कुल 14 विधानसभाएं आती हैं. जिसमें चकराता, देहरादून कैंट, मसूरी, रायपुर, राजपुर रोड़, साहसपुर, विकासनगर, धनौल्टी, घंसाली, प्रतापपुर, टिहरी, गंगोत्री और पुरोला विधानसभा शामिल हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट से कुल 16 उम्‍मीदवार मैदान में थे. हालांकि, इस चुनाव में मुख्‍य मुकाबला महाराजा मानवेंद्र सिंह की बहू और बीजेपी से प्रत्‍याशी माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह और कांग्रेस के साकेत बहुगुणा के बीच थी. माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह ने इस चुनाव में 1,90,228 वोटों से कांग्रेस के साकेत बहुगुणा को हराया था.

इस चुनाव में बीजेपी की माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह को 4,43,199 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्‍मीदवार को 2,52,971 वोट मिले थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2014 के इस चुनाव में करीब 90 फीसदी से अधिक वोटों पर बीजेपी और कांग्रेस ने कब्‍जा किया था. जबकि बाकी बचे 10 फीसदी वोट बाकी 14 प्रत्‍याशी में बंटे थे. इनमें 12 उम्‍मीदवार तो ऐसे थें, जिन्‍हें 1 फीसदी से भी कम वोट मिला था. वहीं इस चुनाव में 10762 मतदाताओं ने नोटा का विकल्‍प चुनकर सभी उम्‍मीदवारों की उम्‍मीदवारी को खारिज कर दिया था. 

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टिहरी गढ़वाल सीट से कब-कब कौन रहा सांसद 

लोकसभा चुनाव (वर्ष) विजयी उम्‍मीदवार राजनैतिक दल 
1951  महारानी साहिबा कमलेंदु मती शाह  निर्दलीय
1957  महाराजा मानवेंद्र शाह  कांग्रेस
1962  महाराजा मानवेंद्र शाह   कांग्रेस
1967  महाराजा मानवेंद्र शाह  कांग्रेस 
1971  परिपूर्णानंद  कांग्रेस 
1977  त्रेपन सिंह नेगी  जनता पार्टी 
1980  त्रेपन सिंह नेगी  कांग्रेस (इंदिरा)
1984  ब्रह्म दत्‍त  कांग्रेस 
1989  ब्रह्म दत्‍त  कांग्रेस 
1991  महाराजा मानवेंद्र शाह  बीजेपी 
1996  महाराजा मानवेंद्र शाह   बीजेपी
1998  महाराजा मानवेंद्र शाह  बीजेपी 
1999  महाराजा मानवेंद्र शाह  बीजेपी 
2004  महाराजा मानवेंद्र शाह   बीजेपी
2009  विजय बहुगुणा  कांग्रेस
2012 (उपचुनाव) माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह  बीजेपी 
2014  माला राज्‍यलक्ष्‍मी शाह  बीजेपी 

 

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