सोनीपत लोकसभा: भूपेंद्र हुड्डा और बीजेपी के गैर जाट उम्मीदवार के बीच है कांटे का मुकाबला
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सोनीपत लोकसभा: भूपेंद्र हुड्डा और बीजेपी के गैर जाट उम्मीदवार के बीच है कांटे का मुकाबला

लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में यहां से बीजेपी के रमेश चंद्र कौशिक ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को हराया. बीजेपी का रिकॉर्ड सोनीपत में अच्छा रहा है.

फाइल फोटो

सोनीपत: ग्रीन लैंड के नाम से मशहूर हरियाणा भले अब पंजाब का हिस्सा नहीं है ब्रिटिश भारत में पंजाब प्रान्त का एक भाग रहा है और इसके इतिहास में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य के दक्षिण में राजस्थान और पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और उत्तर में पंजाब की सीमा और पूर्व में दिल्ली क्षेत्र है. हरियाणा और पड़ोसी राज्य पंजाब की भी राजधानी चंडीगढ़ ही है. इस राज्य की स्थापना 1 नवम्बर 1966 को हुई. क्षेत्रफल के हिसाब से इसे भारत का 20 वां सबसे बड़ा राज्य बनाता है.

लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में यहां से बीजेपी के रमेश चंद्र कौशिक ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को हराया. बीजेपी का रिकॉर्ड सोनीपत में अच्छा रहा है. बीजेपी नेता किशन सिंह किशन सिंह सांगवान सबसे लंबे समय तक यहां से सासंद रहे हैं. 

पहले सोनीपत लोकसभा सीट रोहतक लोकसभा का हिस्सा थी. 1977 के बाद यह अलग लोकसभा क्षेत्र बना. सोनीपत में भी जाट वोटरों की संख्या अधिक है लेकिन यहां से फिर भी दो बार गैर-जाट उम्मीदवार ने जीत दर्ज किया है. पहली बार 1996 में अरविंद शर्मा सोनीपत से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी, जबकि दूसरी बार 2014 में गैर जाट उम्मीदवार रमेश चंद्र कौशिक ने चुनाव जीता. 

2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने रमेश चंद्र कौशिक पर भरोसा किया है. वहीं, कांग्रेस ने यहां से दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मैदान में उतारा है. जेजेपी और आप गठबंधन ने दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारा है तो वहीं, आईएनएलडी ने सुरेंद्र चिकारा को उम्मीदवार बनाया है. 

सोनीपत के रण में बहरहाल जीत किसकी होती है यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि सभी पार्टियों ने चुनाव के लिए अपनी ताकत पूरी तरह से झोंक दी है. लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है और 23 मई को जनता का फैसला लोगों के सामने होगा. 

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