2014 में मोदी का समर्थन करने वाले राज ठाकरे इस बार क्यों कर हैं विरोध? पढ़ें अंदर की खबर
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2014 में मोदी का समर्थन करने वाले राज ठाकरे इस बार क्यों कर हैं विरोध? पढ़ें अंदर की खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मनसे के राज ठाकरे को राजकीय अतिथि बनाया था. ये बात 2014 के पहले की है. लेकिन अब वही ठाकरे मोदी के विरोध में हैं लेकिन क्यों? पढ़ें पूरा विश्लेषण.

राज ठाकरे की हालत 'चौबे जी चले छब्बे बनने, दूबे भी नहीं बन सके' जैसी हो गई है.

मुंबई : लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे की हालत कुछ ऐसी ही हो गई है कि 'चौबे जी चले छब्बे बनने. दूबे भी नहीं बन सके'. महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने 2019 के लोकसभा चुनाव से अपने आप को अलग रखने का फैसला तो कर लिया लेकिन राजनैतिक पार्टी के अध्यक्ष रहने और चुनाव का माहौल में होने पर भी घर पर बैठे रहना नागवार गुजरने से सरकार विरोधी पार्टी से हाथ मिलाने की तैयारी कर ली है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की तरफ से यह बात जाहिर की गई कि किसी भी हाल में मोदी सरकार का विरोध किया जाएगा क्योंकि उन्होंने पिछले 5 सालों में जनता के हित का काम नहीं किया है.

यहां गौरतलब बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मनसे के राज ठाकरे को राजकीय अतिथि बनाया था. अब वही ठाकरे मोदी के विरोध में हैं. ठाकरे केंद्र में मोदी सरकार के बनने के बाद ही नाराज चल रहे हैं. कई बार वह अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. 

एमएनएस प्रवक्ता वागीश सारस्वत का कहना है, "कांग्रेस और एनसीपी राज ठाकरे को किस तरीके से देखती है, यह उनकी नजर है. हमारी पार्टी ने यह फैसला किया है कि जो केंद्रीय सरकार है यानी बीजेपी की सरकार को किसी भी हाल में हराना है. प्रधानमंत्री मोदी का हारना जरूरी है क्योंकि पिछले 5 सालों में उन्होंने देश के लिए जो फैसले किए हैं वे देश के हित में नहीं बल्कि बेहद हानिकारक है और हानिकारक फैसले करने वाले सरकार को गिराना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि हम अपनी सभाएं कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ करेंगे."

एनसीपी ने कहा - राज ठाकरे के साथ मंच साझा नहीं करेंगे
एनसीपी ने साफ मना कर दिया है कि राज ठाकरे एनसीपी के किसी भी कार्यक्रम में मंच साझा नहीं करेंगे. हालांकि राज ठाकरे एनसीपी के सुप्रिया सुले, पार्थ पवार के चुनाव क्षेत्र में प्रचार के अलावा कांग्रेस के चार उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने का खुद से सहमति दी है. इन चार उम्मीदवारों में उत्तर मुंबई से उम्मीदवार उर्मिला मातोंडकर, दक्षिण मुंबई से उम्मीदवार और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा, नांदेड के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान और सोलापुर से उम्मीदवार पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के पक्ष में प्रचार करने का खुद से सहमति दी है. 

 

हालांकि एनसीपी के तरफ से साफ कह दिया गया है. उनका कोई गठबंधन नहीं है प्रचार करना और ना करना यह उनका खुद का फैसला है एनसीपी ने कभी नहीं कहा है कि आप प्रचार कीजिए. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने साफ किया कि 2014 में राज ठाकरे मोदी-मोदी क्या करते थे अब मोदी का विरोध कर रहे हैं, हमने कभी भी उन्हें कोई स्टेज नहीं दिया है. वह हमारे साथ कोई भी स्टेज साझा नहीं करेंगे. हमारे किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे."

बीजेपी ने ली चुटकी
राज ठाकरे का सत्ता विरोधी यह प्रचार आखिर किस से उम्मीद और आशा में की जा रही है, यह वक्त के साथ समझ में आएगा लेकिन बीजेपी ने इस मसले पर चुटकी लेने से बाज नहीं आई. बीजेपी ने इस बात की ताकीद की कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अपने उसूल से कोई लेना-देना नहीं जब चाहे पाले बदलते रहते हैं. इन चीजों का जवाब हो बेहतर खुद ही दे सकते हैं. 

बीजेपी नेता और शिक्षा मंत्री महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने राज ठाकरे के निर्णय पर सवाल किया कि क्या राज ठाकरे की सारी सभाओं का आयोजन एनसीपी करेगी. एनसीपी जो कि खुद ही कह रही है कि स्टेज शेयर नहीं करेगी, यह तो राज ही बताएं कि आखिर किस आधार पर वह सपोर्ट करेंगे."

राजनीति में ना तो कोई सदा के लिए दुश्मन होता है और ना ही दोस्त लेकिन राज ठाकरे के उठाए गए कदम कांग्रेस और एनसीपी दोनों के लिए ही खतरनाक हो सकते हैं. उत्तर मुंबई और दक्षिण मुंबई में जहां राज ठाकरे कांग्रेस के लिए प्रचार करने की अपनी सहमति जता रहे हैं. वहां उत्तर भारतीयों की संख्या बहुलता में है. जो कि कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकती है क्योंकि मनसे शुरुआती दौर से उत्तर भारतीयों की विरोधी जानी जाती है. 

एनसीपी के लिए प्रचार करने का मन बनाने वाले राज ठाकरे के पार्टी ने पहले ही अपनी स्थिती जाहिर कर दी है. अब उछलकूद कर आगे गए राज ठाकरे की राजनीतिक गणित क्या होगा? ये तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल यही लगता है कि राज ठाकरे का हर दांव उल्टा हो रहा है और हासिए पर जा रहे हैं.

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