लोकसभा चुनाव को लेकर कई मिथक हैं. हालांकि मिथक टूटते-बनते रहते हैं. दिल्ली के बारे में मिथक है कि वहां के वोटर जिस पार्टी को वोट देते हैं, उसी की सरकार बनती है. बीजेपी-कांग्रेस के टक्कर वाले एक अन्य राज्य से जुड़े मिथक की चर्चा करते हैं.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर कई मिथक हैं. हालांकि मिथक टूटते-बनते रहते हैं. दिल्ली के बारे में मिथक है कि वहां के वोटर जिस पार्टी को वोट देते हैं, उसी की सरकार बनती है. 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में हम देख चुके हैं. ऐसे ही एक मिथक राजस्थान से जुड़ा है जिस पर आज हम चर्चा करेंगे जो कि पिछले 15 साल से कायम है.
राजस्थान में प्रदेश सरकार से उलट लोकसभा का रुझान देखने को नहीं मिलता. यानी राज्य में जिस पार्टी की सरकार होती है, उसी पार्टी के सांसद ज्यादा चुने जाते हैं. पिछले 15 साल के आंकड़े तो इसकी पुष्टि करते हैं. अगर यह ट्रेंड आगे भी जारी रहा तो कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं.
2004 का लोकसभा चुनाव
2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गहलोत सरकार को शिकस्त देकर सत्ता पाई थी. 120 सीटें बीजेपी को मिली थीं. कांग्रेस महज 56 पर सिमट गई थी. उसके बाद वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनीं. फिर 2004 में लोकसभा चुनाव हुए. राज्य में बीजेपी की सरकार थी. कांग्रेस को महज दो सीटें मिली जबकि बीजेपी ने 21 सीटें अपनी झोली में डालीं.
2009 का लोकसभा चुनाव
2009 के चुनाव में यह ट्रेंड जारी रहा. 2008 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में वसुंधरा सरकार हार गई. कांग्रेस को इस चुनाव में 96 जबकि बीजेपी को 78 सीटें मिलीं. बीएसपी के खाते में 6 सीटें आई थीं. फिर 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 20 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि बीजेपी को सिर्फ 4 सीटों पर संतोष करना पड़ा. एक सीट निर्दलीय ने जीती.
2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के लोकभा चुनाव से पहले 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राजस्थान में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई. वसुंधरा राजे ने फिर राज्य की बागडोर संभाली. 2014 के लोकसभा चुनाव में ट्रेंड के अनुरूप बीजेपी ने सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया. बीजेपी ने कांग्रेस का सफाया कर दिया और 25 सीटों पर जीत हासिल की.
क्या 2019 में जारी रहेगा ट्रेंड
अब सबकी नजरें 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ इस ट्रेंड पर हैं. वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो कांग्रेस को फायदा हो सकता है.