DNA with Rahul Sinha: लेकिन देश के महापुरुषों और शूरवीरों को लेकर हमें कोई फर्क नहीं रखना चाहिए। सिर्फ ये सोचना चाहिए कि महापुरुष किसी जाति और धर्म के बंधन में नहीं बंधे होते.. लेकिन अगर उन्हें भी जाति से जोड़ा जाने लगे, चंद वोट के लिए जाति की राजनीति में घसीटा जाने लगे, तो ये किसी समाज के लिए, राष्ट्र के लिए शुभ संकेत नहीं है..उत्तर प्रदेश की सियासत में पिछले कुछ दिनों से महान पराक्रमी योद्धा राणा सांगा के नाम पर जंग छिड़ी है। वो राणा सांगा जिनके बारे में कहा जाता है, अस्सी घाव लगे थे तन पे, फिर भी व्यथा नहीं थी मन में.. लेकिन आज वीर राणा सांगा के नाम पर राजनीतिक रण हो रहा है.