सरचार्ज से आम आदमी पर मामूली बोझ : पवन बंसल

रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने 2013-14 का रेल बजट पेश करने के बाद कहा कि इस रेल बजट से आम आदमी की सुविधाएं बढ़ेंगी।

नई दिल्ली: रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने 2013-14 का रेल बजट पेश करने के बाद कहा कि इस रेल बजट से आम आदमी की सुविधाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि सरचार्ज से यात्रियों पर मामूली बोझ पड़ेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि कि सरचार्ज यात्रियों की सुविधाओं के लिए बढ़ाया गया है और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह इस फैसले का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि कैंसिलेशन सरचार्ज से आम आदमी को फायदा होगा।
उन्होंने कहा इस वर्ष जनवरी में ही यात्री किरायों में संशोधन किया गया है इस लिए ‘अभी मैं उनपर और बोझ नहीं डालना चाहता और रेलवे स्वयं ही 850 करोड़ रुपए के (यात्री सेवाओं पर डीजल खर्च के बढे बोझ) का निर्वहन करेगी।’’ बंसल 17 साल में रेल बजट पेश करने वाले पहले कांग्रेसी मंत्री हैं।
उन्होंने किरायों पर इंधन की कीमतों के असर को समायोजित करने के लिए अपने पूर्व वर्ती मंत्री तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी द्वारा प्रस्तावित ईंधन समायोजन घटक (एफएसी) को अपनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह डायनैमिक किस्म का रखा जाएगा तथा ईंधन की लागत परिवर्तित होने के साथ ही इसे घटाया बढाया जा सकता है।’ यह नीति एक अप्रैल 2013 से प्रभावी होगी और इसके तहत किराये भाड़े में समायोजना साल में दो बार किया जा सकता है।
बंसल ने कहा कि माल भाड़े में ईंधन समायोजन घटक के कारण पांच-छह प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। उन्होंने फिलहाल यात्री किरायों को इससे मुक्त रखने का फैसला किया है। रेल मंत्री ने कहा कि यात्री किरायों में 22 जनवरी को संशोधन किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप 2013-14 में 6,600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी।
बंसल ने बताया कि जनवरी 2013 में डीजल के दाम में वृद्धि से रेलवे के ईंधन बिल पर 3,300 करोड़ रुपए का बोझ बढा है जिसमें किराए में बढोतरी से प्राप्त अतिरिक्त संसाधनों का बड़ा भाग लग गया है। रेलवे को 2013-14 में अपने बिजली और ईंधन बिल में 5,100 करोड़ रुपए की वृद्धि का अनुमान है।
उन्होंने सुपरफास्ट गाड़ियों के टिकटों पर पूरक प्रभार, आरक्षण शुल्क, आरक्षण रद्द करने पर लिपिक प्रभार, तथा तत्काल प्रभार में वृद्धि करने का प्रस्ताव किया और इस वृद्धि को ‘थोड़ी सी वृद्धि बताया।’ अपनी 75 मिनट के भाषण के उत्तरार्ध में विपक्ष के भारी शोर शराबे का सामना करते हुए रेल मंत्री ने नयी गाड़ियों, नयी लाइनों और नये रेल मार्गों के सर्वे के प्रस्तावों की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि रेलवे किरायों में वृद्धि को लाभ कमाने का उपाय नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यदि रेल किरायों में सालाना 5-6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि की जाए तो दस साल में रेलवे एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की राशि जुटा सकता है। यात्री सेवाओं में सुधार तथा यात्रियों के लिए अतिरिक्त फायदे किए जा सकते हैं। (एजेंसी)

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