नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पर्यावरण अनुकूल विकास मॉडल पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि विकास तभी टिकाऊ रह सकता है, जब वह प्राकृतिक संतुलन की रक्षा करता हो। `इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑन ग्रीन नेशनल एकाउंटिंग फॉर इंडिया` को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टिकाऊ विकास को 12वीं योजना अवधि (2012-17) में शीर्ष वरीयता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि योजना दस्तावेज में कहा गया है कि आर्थिक विकास तभी टिकाऊ होगा, जब यह इस तरह से किया जाए, जिससे पर्यावरण की रक्षा हो। दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि जल, वन और भूसंपदा के प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने इस तर्क का भी हवाला दिया कि मौजूदा राष्ट्रीय लेखापरीक्षण प्रणाली में पर्यावरणीय और प्राकृतिक संपदा के उपयोग की कीमत को पूरी तरह शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) देश की प्रगति को मापने का सबसे सही तरीका नहीं है, क्योंकि विकास की प्रक्रिया में पर्यावरण नुकसान की कीमत चुकानी पड़ सकती है। (एजेंसी)
मनमोहन सिंह
आर्थिक विकास पर्यावरण के अनुकूल हो: पीएम
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पर्यावरण अनुकूल विकास मॉडल पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि विकास तभी टिकाऊ रह सकता है, जब वह प्राकृतिक संतुलन की रक्षा करता हो।
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