'एयर इंडिया के परिचालन में सुधार जरूरी'

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के परिचालनों को युक्तिसंगत करना जरूरी है। वर्ष 2020 तक एयर इंडिया में 30000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे।

नई दिल्‍ली : केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के परिचालनों को युक्तिसंगत करना जरूरी है। वर्ष 2020 तक एयर इंडिया में 30000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि एयर इंडिया का पुनर्गठन जरूरी है, सरकार इसे लगातार सार्वजनिक धन से नहीं चला सकती। एयर इंडिया को पहला ड्रीमलाइनर विमान दो महीने में प्राप्त होगा। इससे पहले, वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने आज एक कायाकल्प योजना को मंजूरी दी ताकि इस विमानन कंपनी के परिचालन और वित्तीय स्थिति को ठीक किया जा सके। इस सहायता में अतिरिक्त पूंजी डालना भी शामिल है।

 

अजित सिंह ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि एयर इंडिया की कायाकल्प योजना को मंजूर कर लिया गया है। सीसीईए ने कायाकल्प योजना (टैप) और विमानन कंपनी की वित्तीय पुनर्गठन योजना :एफआरपी: को मंजूर कर लिया है जिसमें सरकार द्वारा अतिरिक्त इक्विटी डाला जाना शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा सीसीईए ने बहुप्रतीक्षित बोइंग ड्रीमलाईनर-787 को शामिल करने को भी हरी झंडी दे दी। उन्होंने बताया कि विदेशी विमानन कंपनियों को भारतीय विमानन कंपनियों में निवेश की मंजूरी के मामले पर मंत्रिमंडल की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में विचार किया जा सकता है।

 

विमानन कंपनी पुनर्गठन योजना के तहत सरकार ने आम बजट 2012-13 में चालू वित्त वर्ष के दौरान 4,000 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की थी। इससे विमानन कंपनी का इक्विटी आधार बढ़कर 7,345 करोड़ रुपए हो जाएगा। अमेरिकी विमान विनिर्माता बोइंग को 2005 में जिन विमानों के लिए आर्डर दिया गया था उनमें से 27 ड्रीमलाईनर की आपूर्ति एयरइंडिया को अगले महीने होने की उम्मीद है। शुरुआत में इन विमानों की आपूर्ति 2009 से शुरू होनी थी लेकिन अमेरिकी विमान निर्माता ने इसे कई वजहों से टाल दिया था।

(एजेंसी)

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