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नई दिल्ली/मुंबई : एयर इंडिया ने सोमवार को 30 और हड़ताली पायलटों को बर्खास्त कर दिया। 200 से अधिक पायलटों की हड़ताल के 14वें दिन में प्रवेश करने के साथ विमानन कंपनी में गतिरोध खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। एयर इंडिया प्रवक्ता ने बताया कि 30 और पायलटों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इसके साथ, बख्रास्त किए गए पायलटों की तादाद 101 पर पहुंच गई।
एयर इंडिया ने बख्रास्तगी की यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने दिल्ली में मान्यता प्राप्त 10 यूनियनों के नेताओं से मिलकर आईपीजी को अपनी हड़ताल खत्म करने को राजी करने की अपील की। इस बीच, कंपनी प्रबंधन का दावा किया कि मान्यता खो चुकी यूनियन इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के दो सदस्य आज ड्यूटी पर लौट आए जिससे काम पर लौटने वाले ‘बीमार’ पायलटों की संख्या बढ़कर पांच पर पहुंच गई।
एयर इंडिया इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप ढोबले ने कहा कि यूनियनों ने मिलकर सिंह से एक समझौते का फामरुला लाने और बर्खास्त किए गए पायलटों को बहाल करने का आश्वासन देने की गुजारिश की। मंत्री ने एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बहाल करने और इसके शानदार अतीत को वापस लाने के लिए सभी मान्य यूनियनों से सहयोग मांगा। मौजूदा आंदोलन को देखते हुए मान्यता खो चुकी आईपीजी को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।
नागर विमानन मंत्री ने डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मैंने यूनियनों के विचार जानने के लिए उनके साथ बैठक बुलाई थी। हमने एयर इंडिया के समक्ष पैदा हुई मौजूदा स्थिति, इसे संकट से उबारने के उपायों, वित्तीय पुनर्गठन योजनाओं व कंपनी के भविष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मैंने इसके वित्तीय सेहत और इसके महाराजा के दर्जे को बहाल करने के लिए सभी यूनियनों का सहयोग मांगा।
सिंह ने कहा कि वेतन समानता और करियर की प्रगति जैसे मानव संसाधन एकीकरण से संबंधित सभी मुद्दों पर धर्माधिकारी समिति की सिफारिशें सभी यूनियनों के साथ परामर्श करने के ही लागू की जाएंगी।
(एजेंसी)