नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में आठ सहकारी बैंक दिवालिया हुए, जिससे ऋण बीमा कंपनियों को जमाकर्ताओं को करीब 143 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। आठ सहकारी बैंक अपने ग्राहकों को जमा का पुनभुर्गतान करने में असफल रहे। इन बैंकों में महाराष्ट्र के चार, कर्नाटक के तीन और गुजरात का एक बैंक शामिल हैं।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश भर में 26 सहकारी बैंकों ने अपना परिचालन बंद किया था। भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के तहत बीमा मानदंडों के मुताबिक यदि कोई बैंक दिवालिया हो जाता है तो जमाकर्ता को अधिकतम एक लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। डीआईसीजीसी के मुताबिक जुलाई 2011-12 तक रिजर्व बैंक की ऋण बीमा शाखा ने आठ दिवालिया सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को करीब 143.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया। (एजेंसी)