'देश की अर्थव्यवस्था पर पीएम का बयान भरोसे के लायक नहीं'

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अर्थनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री का भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत होने संबंधी बयान भरोसे के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले एक साल में 14087 किसानों ने आत्महत्या की है।

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अर्थनीति को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि प्रधानमंत्री का भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत होने संबंधी बयान भरोसे के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले एक साल में 14087 किसानों ने आत्महत्या की है।
बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आए जोशी ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए देश की कथित गिरती अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अर्थनीति को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि प्रधानमंत्री का भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत होने का बयान भरोसे के काबिल नहीं है।
उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को गिरावट की ओर अग्रसर होने का दावा करते हुए कहा कि गलत अर्थ नीति के कारण आज देश में हर क्षेत्र में उत्पादन घटा है। रूपये की कीमत में लगातार गिरावट जारी है और अर्थव्यवस्था के सभी स्तंभ कमजोर हुए हैं। जोशी ने आरोप लगाया कि केंद्र की वर्तमान सरकार के पास देश की अर्थ व्यवस्था को सुधारने के लिए न तो कोई योजना है और उसके द्वारा जो भी अर्थ नीति संचालित की जा रही है वह देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि गलत अर्थनीतियों के परिणामस्वरूप आज देश में बेरोजगारों और गरीबों की संख्या में वृद्धि हुई है तथा इससे गांव एवं शहर के बीच विषमता बढी है जो कि देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक परिस्थिति के लिए संकट पैदा कर रही है।
जोशी ने एक सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि कुल मिलाकर देश के मात्र दस प्रतिशत हिस्से में ही विकास हुआ है और सरकार की गलत आर्थिक नीति के कारण चालीस प्रतिशत लोग गरीब हैं और दूसरे 20 प्रतिशत गरीबी के कगार पर पहुंचने वाले हैं। उन्होंने देश में नए आर्थिक ढांचे और नई अर्थव्यवस्था के बारे में गंभीरतापूर्वक चिंतन किये जाने की आवश्यक्ता जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा जिस विकास दर की बात की जाती है। वह केवल कुछ क्षेत्रों के विकास तक सीमित है और उसका साधारण व्यक्ति के विकास से कोई संबंध नहीं है।
जोशी ने कहा कि सरकार का बार-बार यह कहना कि देश के आर्थिक विकास के लिए विदेशी पूंजी की जरूरत है और उसके लिए वे खुदरा व्यापार के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए खोलना चाहते हैं। यह बहुत ही खतरनाक निर्णय है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल देश का खुदरा व्यापार का क्षेत्र प्रभावित होगा बल्कि इससे कृषि क्षेत्र को भी भारी दुष्परिणाम झेलना पडेगा और धीरे-धीरे किसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कृपा पर निर्भर हो जाएंगे और उनकी आर्थिक स्वायतता समाप्त हो जाएगी।
जोशी ने कहा कि खुदरा व्यापार के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश की छूट दिए जाने पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से छोटे व्यापारियों की दुकाने बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि के बाद रोजगार के सृजन का सबसे बडा साधन खुदरा व्यापार है। यह गांव-गांव फैला हुआ है और खुदरा व्यापार का इतना बडा तंत्र दुनिया के किसी भी अन्य देश में नहीं है। जोशी ने कहा कि सरकार का यह कहना कि खुदरा व्यापार के क्षेत्र में देश में कदम रखने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां 30 प्रतिशत सामान भारत की कंपनियों से खरीदेगी यह एक भ्रम के सिवा कुछ भी नहीं है।
जोशी ने कहा कि विश्व व्यापार नियमों के अनुसार किसी कंपनी को कहां से वह सामान लाए या नहीं इसके लिए रोका नहीं जा सकता। ऐसे में केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस कानून के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इसके लिए बाध्य करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना कि जो राज्य अपने यहां खुदरा व्यापार के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश को लागू करना चाहते हैं वे कर सकते हैं और जो नहीं करना चाहते हैं वे नहीं कर सकते भ्रामक है, क्योंकि देश में एक बार किसी को भी व्यापार करने की इजाजत मिल जाने पर उसे देश के किसी भी हिस्से में व्यापार करने से रोका नहीं जा सकता।
जोशी ने कहा कि भाजपा खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का विरोध कर रहे संगठनों का समर्थन करती है और वह इस मामले को संसद में उठाएगी कि खुदरा व्यापार के क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र द्वारा उर्वरकों के दाम में वृद्धि किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को इसका वैज्ञानिक आधार क्या है।
जोशी ने आरोप लगाया कि खाद के दामों में सरकार ने तीन सौ से पांच सौ प्रतिशत की जो वृद्धि की है वह देश के किसानों और कृषि व्यवस्था के साथ घिनौना मजाक है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले एक साल में 14087 किसानों ने आत्महत्या की है। जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री से वह जानना चाहते हैं कि वह किसी आधार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं जबकि देश में कृषि के साथ अन्य क्षेत्रों में उत्पादन घटा है, मंहगाई बढी है, रोजगार का सृजन न हो, भ्रष्टाचार पराकाष्ठा पर हो।उन्होंने कहा कि भाजपा इन सारे प्रश्नों को संसद में उठाएगी और हम चाहेंगे कि सरकार इन मुद्दों पर सदन और देश को विश्वास में ले और यह बताए कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का उपाय किया जाएगा। (एजेंसी)

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