नारायणमूर्ति फिर बने इंफोसिस के कार्यकारी चेयरमैन
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नारायणमूर्ति फिर बने इंफोसिस के कार्यकारी चेयरमैन

सूचना प्रौद्योगिकी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने अपने प्रबंधनतंत्र में बड़ा बदलाव करते हुए एन.आर. नारायणमूर्ति को कार्यकारी अध्यक्ष एवं अतिरिक्त निदेशक नियुक्ति किया है। कंपनी का यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

बेंगलुरू : सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी, इंफोसिस लिमिटेड के सह-संस्थापक और अवकाश प्राप्त चेयरमैन एन. आर. नारायणमूर्ति एक बार फिर शनिवार को कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन और इसके बोर्ड के अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किए गए हैं।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी गई सूचना में वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी ने कहा है कि बोर्ड के निवर्तमान चेयरमैन के. वी. कामथ शनिवार को पद से इस्तीफा देंगे और वह एक स्वतंत्र निदेशक होंगे।
कंपनी ने कहा है, "निदेशक के रूप में मूर्ति के चुनाव को 15 जून को होने वाली वार्षिक महासभा में शेयरधारकों के विचार-विमर्श के लिए रखा जाएगा।"
मूर्ति अगस्त 2011 में 65 वर्ष के होने के बाद कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जिसके बाद कामथ ने गैर-कार्यकारी चेयरमैन के रूप में कंपनी के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन के साथ इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी।
कंपनी के कार्यकारी नेतृत्व में चेयरमैन के रूप में मूर्ति को वापस लाने का फैसला बोर्ड ने शनिवार को बुलाई गई आकस्मिक बैठक में लिया।
इंफोसिस का कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने के बाद मूर्ति ने बयान जारी कर कहा, "यह अचानक लिया गया और अप्रत्याशित तथा असामान्य फैसला था। लेकिन इंफोसिस मेरी संतान की तरह है। इसलिए मैंने भविष्य की अपनी अन्य सभी योजनाएं एक तरफ रखकर इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया।"
मूर्ति को इंफोसिस का दोबारा कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का स्वागत करते हुए कामथ ने कहा कि उनका उद्यम एवं नेतृत्व रिकॉर्ड और लंबा अनुभव उन्हें इस वक्त कंपनी को नेतृत्व प्रदान करने तथा रणनीतिक निर्देश देने के योग्य बनाता है, उनकी इस योग्यता से कंपनी को अवश्य फायदा मिलेगा।
एस. गोपालकृष्णन कंपनी के कार्यकारी वाइस-चेयरमैन होंगे और वह ग्राहक संबंधों तथा व्यापक औद्योगिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहीं एस. डी. शिबुलाल मुख्य कार्यकारी तथा प्रबंध निदेशक बने रहेंगे।
बीएसई को दी गई जानकारी में कंपनी ने यह भी कहा है, "गोपालकृष्णन तथा शिबुलाल ने चूंकि अनुरोध किया है कि वे सालाना एक रुपये का वेतन लेना चाहते हैं, लिहाजा बोर्ड ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। लेकिन अभी इसे शेयरधारकों एवं सरकार की मंजूरी मिलनी बाकी है।" (एजेंसी)

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