नई दिल्ली : भारत की आर्थिक वृद्धि फरवरी में चीन से अधिक रही। हालांकि, उभरते देशों की आर्थिक वृद्धि दर में कुल मिलाकर नरमी रही। एचएसबीसी का उभरते बाजारों का सूचकांक (ईएमआई) जनवरी के 53.8 अंक से घटकर फरवरी में 52.3 अंक रहा। अगस्त 2012 के बाद यह सबसे कम आंकड़ा है और वैश्विक स्तर पर उभरते देशों में आर्थिक वृद्धि में नरमी का संकेत देता है। फरवरी के दौरान एचएसबीसी का भारत के लिये समग्र सूचकांक 54.8 रहा जबकि चीन के मामले में यह 51.4 था। यह सूचकांक विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र दोनों के बारे में जानकारी देता है। सूचकांक 50 से अधिक अंक होने पर यह विस्तार का संकेत देता है।
सूचकांक में शामिल बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में चीन, भारत तथा ब्राजील में वृद्धि दर धीमी हुई है। लेकिन भारत की वृद्धि दर चीन से अधिक रही है। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (केंद्रीय तथा पूर्वी यूरोप एवं उप सहारा अफ्रीका) एम उलगेन ने कहा, ‘‘उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर फरवरी महीने में सकारात्मक रही लेकिन वृद्धि दर धीमी रही। विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र दोनों में नरमी दिखी। नये साल में ब्रिक देशों में अच्छी शुरूआत के बाद नरमी दिखने लगी है।’’ ब्रिक देशों ..ब्राजील, रूस, भारत और चीन.. चारों देशों में जनवरी में नये कारोबार में वृद्धि दर धीमी रही। साथ ही रोजगार में भी वृद्धि तीन महीने में सबसे कम रही। उलगेन ने कहा, ‘‘सूचकांक में कमी बताता है कि उभरते देशों में आर्थिक वृद्धि अभी भी बड़ा मुद्दा है। कई अर्थव्यवस्थाओं के लिये मुद्रास्फीति दूसरा प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।’’ (एजेंसी)
भारतीय अर्थव्यवस्था
फरवरी में भारत की आर्थिक वृद्धि चीन से अधिक रही: HSBC
भारत की आर्थिक वृद्धि फरवरी में चीन से अधिक रही। हालांकि, उभरते देशों की आर्थिक वृद्धि दर में कुल मिलाकर नरमी रही। एचएसबीसी का उभरते बाजारों का सूचकांक (ईएमआई) जनवरी के 53.8 अंक से घटकर फरवरी में 52.3 अंक रहा।
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