सरकार दूसरी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी
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सरकार दूसरी तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी

सरकार जुलाई-सितंबर तिमाही में अपनी जरूरतों के वित्त पोषण के लिये 1.56 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। यह वित्त मंत्रालय के उधारी कार्यक्रम के अनुरूप है।

नई दिल्ली : सरकार जुलाई-सितंबर तिमाही में अपनी जरूरतों के वित्त पोषण के लिये 1.56 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। यह वित्त मंत्रालय के उधारी कार्यक्रम के अनुरूप है। रिजर्व बैंक के परामर्श से वित्त मंत्रालय द्वारा जारी उधारी कार्यक्रम के अनुसार सरकार सितंबर तिमाही में 1.56 लाख करोड़ रुपये के ट्रेजरी बिल की नीलामी करेगी।
वित्त वर्ष 2013-14 में दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कर कुल 5.79 लाख करोड़ रुपये कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 58 प्रतिशत पहली छमाही में पूरा होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती महीनों में ही कर्ज जुटाने का मकसद यह 2013-14 के आखिरी छह महीनों में निजी क्षेत्र के लिए पूंजी रहे।
सरकार को राजकोषीय घाटे के वित्त पोषण के लिये बाजार से कर्ज लेना है। राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2012-13 में राजकोषीय घाटा 4.9 प्रतिशत था। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पहले ही संकेत दे चुके हैं कि चालू वित्त वर्ष के लिये 4.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटे को जो लक्ष्य है, वह उस पर बरकरार रहने की पूरी कोशिश करेंगे।
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार रपये की विनिमय दर में गिरावट से राजकोषीय घाटे पर दबाव बढ़ेगा क्योंकि इससे तेल एवं उर्वरक सब्सिडी बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2013-14 में शुद्ध उधारी 4.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी। इससे पहले, 2012-13 में सरकार ने बाजार से 4.67 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। (एजेंसी)

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