सुधारों के बिना धीमी पड़ेगी आर्थिक वृद्धि: चिदंबरम

संसद में सुधारों से जुड़े विधेयकों को पारित नहीं होने देने पर अड़े विपक्ष को सचेत करते हुये सरकार ने आज कहा कि राजनीतिक दल विरोध तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें निर्णय प्रक्रिया को बाधित नहीं करना चाहिये अन्यथा सुधारों के अभाव में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी।

नई दिल्ली : संसद में सुधारों से जुड़े विधेयकों को पारित नहीं होने देने पर अड़े विपक्ष को सचेत करते हुये सरकार ने आज कहा कि राजनीतिक दल विरोध तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें निर्णय प्रक्रिया को बाधित नहीं करना चाहिये अन्यथा सुधारों के अभाव में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी।
वित्त मंत्री ने आज यहां दो दिन के आर्थिक संपादकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये कहा, हर सरकार को नीतियां बनाने का अधिकार है। नीतियों का विरोध भी लाजिमी है लेकिन उनमें बाधा पहुंचाना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, सत्ता में जो सरकार है उसे नीतियों बनाने देनी चाहिये, जहां कहीं आवश्यक है विधेयक पारित होने चाहिये और उन नीतियों का पालन करते हुये काम आगे बढ़ना चाहिये। चिदंबरम ने माना कि मौजूदा समय काफी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में सुधारों को यदि आगे नहीं बढ़ाया गया तो अर्थव्यवस्था में तेज और लगातार गिरावट का खतरा बन सकता है।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती को ऐसे समय वहन नहीं किया जा सकता है जब बड़ी जनसंख्या के लिये रोजगार उपलब्ध कराने और उनकी आय बढ़ाने की आवश्यकता है। देश की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2011.12 में कम होकर 6.5 प्रतिशत रह गई और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5.5 प्रतिशत रही है। वित्त मंत्री ने हालांकि, अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद करते हुये कहा है कि बचत और निवेश में वृद्धि होने पर आर्थिक वृद्धि 8 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, शायद नौ प्रतिशत तक भी पहुंच सकती है।

वित्त मंत्री ने आय बढ़ाने और रोजगार के लिये सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुये कहा, विभिन्न कारणों से लंबे समय से निवेश बढ़ाने और उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये कुछ बुनियादी सुधार लंबित पड़े हैं।’’ इन सुधारों के अभाव में ऐसे कई कार्यक्रमों को लेकर चिंता बढ़ी है जिन्हें गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिये बनाया गया है। ऐसे में सुधारों को लेकर आमसहमति बनाने की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां हैं। राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा और चालू खाते के घाटे की स्थिति को देखकर अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन किया जा सकता है। समाप्त वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत के बजट अनुमान से बढ़कर 5.9 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसी प्रकार राजस्व घाटे का बजट अनुमान 1.8 प्रतिशत था लेकिन वर्ष की समाप्ति पर यह 2.9 प्रतिशत तक पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि सुधारों को आगे बढ़ाये बिना इस स्थिति में सुधार नहीं लाया जा सकता और अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट का खतरा बढ़ेगा। इस जोखिम को भारत जैसी अर्थव्यवस्था में जहां बड़ी जनसंख्या के लिये आय और रोजगार बढ़ाने की आवश्यकता है, वहन नहीं किया जा सकता।
बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति के निर्णय पर चिदंबरम ने कहा, हमें भारत में विदेशी निवेश को लेकर घबराना नहीं चाहिये, एक संप्रभु देश होने के नाते हमारे पास यह निर्णय लेने का पूरा अधिकार है कि किस क्षेत्र में और कितने विदेशी निवेश की अनुमति दी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश की अनुमति देने के फैसलों को अपरिभाषित सिद्धांतों के आधार पर नहीं परखा जाना चाहिये बल्कि उससे होने वाले फायदों का स्पष्ट आकलन किया जाना चाहिये। मुझे विश्वास है कि खुदरा, उड्डयन और एफएम रेडियो प्रसारण में विदेशी निवेश से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचेगा।
वित्त मंत्री ने कोयला, खनन, उर्जा, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और ढांचागत परियोजनाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को लेकर उठाये गये कदमों पर कहा कि इनको लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिये। यही क्षेत्र हैं जो आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ायेंगे। इन्हीं क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि सत्ता में जो भी सरकार है उसे नीतियां बनाने और विधेयक पारित करने देना चाहिये। उन्होंने कहा, नीतियां सही हैं अथवा गलत या फिर नीतियों से देश के लोगों का फायदा पहुंचा है अथवा नहीं इसपर केवल देश की जनता ही फैसला ले सकती है और हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली में हर सरकार के लिये पांच साल के आखिर में फैसले का दिन होता है। वित्त मंत्री ने महंगाई पर अंकुश की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि रुपये की दर में लगातार वृद्धि से आयातित वस्तुओं की लागत कम होगी। डालर के मुकाबले रुपये में मजबूती से कच्चे तेल, पेट्रोलियम पदाथरें और उर्वरक की लागत घटेगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में डालर के मुकाबले रुपया 57.22 प्रति डालर तक गिरने के बाद अब मजबूत होकर हाल ही में 52.13 प्रति डालर तक पहुंच गया है। (एजेंसी)

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