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नई दिल्ली : वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का मंगलवार को स्वागत किया जिसमें तमिलनाडु में तांबा गलाई संयंत्र से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए कंपनी को 100 करोड़ रुपए मुआवजा देने को कहा गया, लेकिन कारखाना बंद करने का निर्देश देने से न्यायालय ने मना कर दिया।
उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद स्टरलाइट इंडस्ट्रीज ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं।’ ‘स्टरलाइट इंडस्ट्रीज तमिलनाडु सरकार एवं अन्य नियामकीय निकायों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगी और स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की दिशा में काम करेगी।’
मद्रास उच्च न्यायालय ने 2010 में स्टरलाइट के कारखाने को बंद करने का अदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने उस निर्णय को खारिज कर दिया है।
इस बीच, मरुमलार्ची द्रविण मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके) ने वाइको के हवाले से एक बयान जारी कर कहा कि वह स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को तमिलनाडु में अपने तांबा गलाई संयंत्र का परिचालन जारी रखने की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
पार्टी ने वाइको के हवाले से कहा, ‘हम लड़ाई लड़ रहे थे और इसे जारी रखेंगे। मैं उच्चतम न्यायालय में (पुनर्विचार के लिए) एक अपील दायर करूंगा।’ एमडीएमके नेता ने याद दिलाया कि महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में कुछ साल पहले स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के कारखाने पर ग्रामीणों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के बाद राज्य सरकार ने कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया था। (एजेंसी)