‘गार में देरी से कर चोरी के खिलाफ अभियान प्रभावित नहीं’
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‘गार में देरी से कर चोरी के खिलाफ अभियान प्रभावित नहीं’

सरकार ने बुधवार को दावा किया कि ‘जनरल एंटी एवाइडेंस रूल्स’ (गार) को लागू करने में देरी से काले धन और कर चोरी के खिलाफ अभियान पर खास असर नहीं पड़ेगा।

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को दावा किया कि ‘जनरल एंटी एवाइडेंस रूल्स’ (गार) को लागू करने में देरी से काले धन और कर चोरी के खिलाफ अभियान पर खास असर नहीं पड़ेगा। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि गार को लागू करने में देरी से काले धन और कर चोरी को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर खास असर नहीं पड़ेगा।
कर चोरी रोकने के लिए 2012-13 के बजट में प्रस्तावित ‘गार’ नियमों पर विदेशी निवेशकों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी जिसके बाद अप्रैल 2013 तक इसका कार्यान्वयन स्थगित कर दिया गया था।
फिर वित्त मंत्रालय ने जून में गार पर दिशानिर्देश पेश किए और अन्य पक्षों की राय मांगी। बाद में प्रधानमंत्री ने इस विवादास्पद मुद्दे पर नये सिरे से विचार-विमर्श के लिए कर विशेषज्ञ पार्थसारथी शोम के नेतृत्व में एक समिति बनाई। चिदंबरम ने कहा कि गार के दिशानिर्देश सार्वजनिक किये जाने के बाद संस्थानों और नागरिकों से 14 राय प्राप्त हुई हैं।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति अनेक पक्षों से प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर रही है। चिदंबरम ने कहा कि समिति दिशानिर्देशों पर व्यापक विचार विमर्श कराएगी और 30 सितंबर, 2012 तक संशोधित दिशानिर्देश और गार को लागू करने का खाका सरकार को देगी। एक अलग सवाल के उत्तर में वित्त राज्यमंत्री एसएस पलानीमाणिक्कम ने कहा कि सरकार की कराधान नीति राजस्व जरूरतों के बीच संतुलन बनाती है।
इस सवाल पर कि क्या मॉरीशस के विदेश मंत्री और सिंगापुर के प्रधानमंत्री की यात्राओं के बाद सरकार ने अपनी कराधान नीतियों को बदलने की योजना बनाई है, पलानीमाणिक्कम ने कहा कि नीतियों को नहीं बदला गया है। (एजेंसी)

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