AI बर्खास्‍त पायलटों को वापस लेने को तैयार

एयर इंडिया पायलटों की 11 दिन पुरानी हड़ताल से निपटने में नरमी और सख्ती दोनों तरह का रवैया अपनाते हुए सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) पदाधिकारियों को छोड़कर अन्य सभी बर्खास्‍त पायलटों को काम पर ले सकती है।

नई दिल्ली : एयर इंडिया पायलटों की 11 दिन पुरानी हड़ताल से निपटने में नरमी और सख्ती दोनों तरह का रवैया अपनाते हुए सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) पदाधिकारियों को छोड़कर अन्य सभी बर्खास्‍त पायलटों को काम पर ले सकती है।

 

एयर इंडिया ने इसके साथ ही भारतीय वायु सेना को सतर्क करते हुए बीमारी की छुट्टी पर गए पायलटों की चिकित्सा जांच के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड बनाने को कहा है। इससे पहले सरकार ने बीमार पायलटों की चिकित्सा जांच के लिये उनके घर पर डाक्टरों की टीम भेजी थी। स्थापित नियमों के अनुसासर पायलटों को अपना उड़ान लाईसेंस बरकरार रखने के लिए पायलटों के 14 दिन से अधिक बीमार रहने पर उन्हों विशेष तौर पर गठित मेडिकल बोर्ड से पूरी स्वास्थ्य जांच करानी होगी। पायलटों के लिए यह समयसीमा सोमवार को समाप्त हो रही है। सूत्रों का कहना है कि यदि पायलट चिकित्सा जांच में पूरी तरह फिट पाये जाते हैं तो वह तुरंत काम शुरु कर सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने उम्मीद जाहिर की है कि आंदोलनकारी पायलट अगले कुछ दिनों में काम पर लौट आएंगे।

 

सूत्रों ने दो दिन पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह द्वारा संसद में दिए गए उस बयान का हवाला भी दिया, जिसमें मंत्री ने कहा कि मंत्रालय और एयर इंडिया प्रबंधन पायलटों के काम पर लौटने पर उनके साथ बदले की भावना से व्यवहार नहीं करेगा। सिंह ने यह भी कहा है कि पायलटों के काम पर लौटने के बाद वह बिना शर्त बातचीत को तैयार हैं। उधर, आईपीजी ने भी कहा है कि यदि उनके बर्खास्‍त 71 पायलट सदस्यों को वापस काम पर लिया जाता है तो वह भी बातचीत के लिये तैयार है। इससे पहले न्यायालय भी पायलटों की हड़ताल को अवैध ठहरा चुका है।

 

सूत्रों के अनुसार ऐसे में आईपीजी के पदाधिकारियों को काम पर लेना और यूनियन की मान्यता फिर से बहाल करना मुश्किल होगा। जारी एयर इंडिया के कुल राजस्व में से 64 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय परिचालन से आता है। वहीं उसके परिचालन नुकसान में 80 फीसद योगदान भी अंतरराष्ट्रीय परिचालन का है। मंत्री ने अगले सप्ताह एयर इंडिया की सभी मान्यता प्राप्त यूनियनों की बैठक बुलाई है, जिसे कैरियर में प्रगति और वेतनमान जैसे मुद्दों पर विचार होगा। यह कदम कंपनी में भविष्य में किसी तरह की श्रम समस्या को रोकने और विलय के बाद एयर इंडिया कर्मियों के एकीकरण की प्रक्रिया के लिए समर्थन जुटाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि वेतन और कैरियर में प्रगति के मुद्दे पर कुछ असंतोष पैदा हो सकता है।

 

हालांकि अजित सिंह ने कहा है कि यह बैठक सिर्फ चीजों को समझने के लिए बुलाई गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि एचआर संबंधी मसलों के अलावा धर्माधिकारी समिति की सिफारिशों, पुनरोद्धार योजना और वित्तीय पुनर्गठन योजना पर इस बैठक में विचार-विमर्श होगा। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के कर्मचारियों को भविष्य की वृद्धि के व्यापक परिदृश्य को देखना होगा।

(एजेंसी)

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