RBI ने रेपो रेट घटाया, कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा जारी कर दी। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटा दिया है। इससे कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद हो गई है।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो
नई दिल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा जारी कर दी। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटा दिया है। इससे कर्ज सस्‍ता होने की उम्‍मीद हो गई है।
आर्थिक वृद्धि दर को गति देने तथा निवेश को पटरी पर लाने के लिए कर्ज सस्ता किए जाने की मांग के बीच रिजर्व बैंक ने मंगलवार को नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत कम कर दिया। हालांकि शीर्ष बैंक ने उच्च खाद्य मुद्रास्फीति तथा चालू खाते के घाटे के उंचा रहने से नीतिगत ब्याज दरों में कमी की संभावना को लेकर असमर्थता जताई।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही की समीक्षा में कहा कि अर्थव्यवस्था को उच्च आर्थिक वृद्धि दर पर लाने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती निवेश को गति देना है। इसके लिये प्रतिस्पर्धी ब्याज दर जरूरी है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। इसी के मुताबिक रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत कम कर 7.5 प्रतिशत कर दिया। इसी के अनुसार रिवर्स रेपो दर भी 6.75 प्रतिशत से घटकर 6.5 प्रतिशत हो गयी है।
केंद्रीय बैंक नकदी समायोजना व्यवस्था के तहत वाणिज्यिक बैंकों को जिस दर पर अल्पकालिक उधार देता है उसे रेपो दर और जिस दर पर उनसे नकदी लेता है उसे रिवर्स रेपो करते हैं। रेपो दर में यह लगातार दूसरी कटौती है। इससे पहले, जनवरी में रेपो और सीआरआर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कमी गयी थी। वृद्धि दर में निरंतर कमी तथा विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति 35 माह के निम्न स्तर पर आने के कारण बाजार नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा था। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर एक दशक के निम्न स्तर 5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक ने यह कहा है कि हालांकि नीतिगत रूख में वृद्धि में कमी के जोखिम को दूर करने पर जोर है लेकिन नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती सीमित है। सरकार की तरफ से व्यय की संभावना को देखते हुए रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। सीआरआर के तहत बैंकों को अपनी जमा राशि का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना पड़ता है।

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