RBI ने रेपो रेट में की 0.25% की वृद्धि, इएमआई पर बोझ बढ़ना तय

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि हाल में उठाए गए कदमों को धीरे-धीरे वापस लेंगे। उन्होंने नई मौद्रिक नीति की तरफदारी करते हुए कहा कि महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में बढ़ोतरी भी जरूरी थी। लेकिन रेपो रेट में आगे बढ़ोतरी होगी या नहीं, यह अभी कह पाना मुश्किल है।

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने हैरान करने वाला कदम उठाते हुए अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर रेपो में चौथाई फीसद की बढ़ोतरी की घोषणा की। इसका असर बाजार पर व्यापक रूप से दिखाई दिया। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स जहां 383 अंक लुढ़क गया, वहीं रुपया फिसलकर 62 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। समझा जाता है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी होने से आवास एवं कार लोन पर ईएमआई भी बढ़ जाएगी। आने वाले दिनों में लोगों की जेब पर ईएमआई का बोझ और ज्यादा पड़ेगा।
वहीं, बैंक अधिकारियों ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं का स्वागत किया है। उन्होंने रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा को संतुलित तथा आगे की ओर ले जाने वाला कदम करार देते हुए कहा है कि इससे बैंकों की ऋण लेने की लागत कम होगी।
केंद्रीय बैंक ने हालांकि बैंकों के पास कर्ज देने के लिए धन की उपलब्धता बढाने के लिए नकदी प्रवाह पर अंकुश के लिए हाल में किए गए निर्णयों में कुछ ढील भी दी है। बाजारों के लिए यह लगातार दूसरा हैरान करने वाला दिन रहा। अमेरिकी केंद्रीय ने बुधवार को आर्थिक प्रोत्साहन जारी रखने की घोषणा की थी, जिसके बाद यह उम्मीद बनी थी कि राजन अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में वृद्धि को प्रोत्साहन के उपाय करेंगे।
एक समय करीब 600 अंक तक नीचे जाने के बाद अंत में बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 383 अंक के नुकसान के साथ 20,263.71 अंक पर आ गया। यह पिछले तीन सप्ताह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स करीब 900 अंक चढ़कर तीन साल के शीर्ष पर पहुंच गया था।
बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, ‘ब्याज दरों में बढ़ोतरी नकारात्मक रूप से हैरान करने वाली है। ज्यादातर निवेशक और विशेषज्ञ यथास्थिति कायम रहने की उम्मीद कर रहे थे। इससे बाजार बुरी तरह प्रभावित हुए।’
देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कुछ अलग ही रख अख्तियार करते हुए कहा है कि इससे ब्याज दरें बढ़ेंगी।
एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा कि अब व्यस्त सीजन शुरू होने जा रहा है और ऋण की भारी मांग है। ऐसे में बैंकों को जमा की काफी जरूरत है। ‘मेरा मानना है कि जमा पर ब्याज दरें बढ़ेंगी और बाद में उसी के अनुरूप ऋण पर ब्याज दरों में इजाफा होगा।’
सबीआई ने गुरुवार को अपनी आधार दर में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने बयान में कहा, ‘यह एक संतुलित नीति है जिसमें निकट भविष्य की चिंता पर ध्यान दिया गया है। इसे दीर्घावधि के आर्थिक वातावरण के लिए सकारात्मक दृष्टि से देखा जाना चाहिए।’
फेडरल बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी श्याम श्रीनिवासन ने कहा कि सीमांत स्थायी सुविधा में कटौती से उधारी की लागत कम होगी। हालांकि, रेपो दर में बढ़ोतरी से इसका लाभ सिमट जाएगा।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के मुख्य कार्यकारी सुनील कौशल ने कहा कि महंगाई पर रिजर्व बैंक का ध्यान देना स्वागत योग्य है। विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव तथा बढ़ती महंगाई के मद्देनजर गवर्नर ने एक कठिन लेकन जरूरी कदम उठाया है। (एजेंसी)

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.