अभी नहीं लूंगा वनडे से संन्यास : तेंदुलकर
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अभी नहीं लूंगा वनडे से संन्यास : तेंदुलकर

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भले ही चुनिंदा एकदिवसीय मैच खेल रहे हों लेकिन उनकी इस प्रारूप को छोडने की फिलहाल कोई योजना नहीं है और वे तब तक खेलना जारी रखेंगे जब तक वे इस खेल का लुफ्त उठाते रहेंगे।

नई दिल्ली : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भले ही चुनिंदा एकदिवसीय मैच खेल रहे हों लेकिन उनकी इस प्रारूप को छोडने की फिलहाल कोई योजना नहीं है और वे तब तक खेलना जारी रखेंगे जब तक वे इस खेल का लुफ्त उठाते रहेंगे।
तेंदुलकर पिछले साल विश्व कप के बाद से केवल दो वन डे श्रृंखला में खेले हैं और उन्होंने इस माह श्रींलका के दौरे पर जाने वाली टीम से भी अपने का बाहर रखा है। इससे वनडे में उनके भविष्य को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया।
तेंदुलकर ने एक टीवी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि कोई क्या कह रहा है और क्या सोच रहा है यह अहम नहीं है। मैं क्या सोच रहा हूं यह महत्वपूर्ण है और मैं जब तक खेलने में आनंद महसूस करता हूं तब तक इससे जुड़ा रहूंगा और वन डे खेलता रहूंगा । ’ इस स्टार बल्लेबाज का कहना है कि उनके बारे में क्या बातें की जा रही है उससे वह प्रभावित नहीं होते ।

उन्होंने कहा,‘ मुझे ट्वेंटी-20 विश्व कप 2007 के दौरान लगा कि मुझे इसका हिस्सा नहीं होना है हालांकि मुझसे खेलने का आग्रह किया गया था लेकिन मै हिस्सा नहीं बना ऐसे ही जब वन डे लिये मुझे ऐसा लगेगा तो अपना फैसला लूंगा।’ तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने श्रीलंका दौरे पर नहीं जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह कुछ समय अपने बच्चों के साथ बिताना चाहते हैं ।
उन्होंने कहा, ‘मै अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता था इसलिये मैने बीसीसीआई से अनुरोध किया ताकि मै अपने बच्चों के साथ समय बिता संकू जो अहम है ।’
क्रिकेट में 20 साल से ज्यादा समय बिताने के कारण लगातार संन्यास के सवालों के बारे पूछने पर तेंदुलकर ने कहा,‘‘ मुझे लगता है कि ये बातें 2006 से चल रही हैं मै क्रिकेट का आनंद उठा रहा हूं और आनंद लेता रहूंगा जब तक मुझ में क्रिकेट खेलने के प्रति इच्छाशक्ति रहेगी । ’

क्रिकेट के बाद के जीवन के बारे में पूछने पर तेंदुलकर ने कहा ‘इस बारे में मैने अभी सोचा नहीं है और जब समय आयेगा मै इस बारे में सोचना शुरू करूंगा मैने अभी उस तरह से सोचना शुरू नहीं किया है । प्रत्येक इंसान के सोचने का तरीका अलग अलग होता है ।
उन्होंने कहा,‘ सन 2006 में अनेक तरह की राय थी कि मुझे सन्यास लेना चाहिये या खेलते रहना चाहिये । मै सिर्फ यही कह सकता हूं प्रत्येक इंसान अलग अलग तरीके से सोचता है आप नहीं कह सकते कि दूसरा क्या सोच रहा है । बहुत से लोग नहीं जानते कि मै क्या सोच रहा हूं । ’
तेंदुलकर ने कहा,‘ क्रिकेट के अपने भविष्य के बारे में मै खुद ही फैसला लूंगा और यह फैसला किसी और से प्रभावित नहीं होगा । जब भी मुझे लगेगा कि इस बारे में फैसला करने की घडी आ गयी है तो मै फैसला करूंगा । मै नहीं चाहता दूसरे लोग मेरे लिये फैसला करें । ’ (एजेंसी)

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