पणजी : भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने रविवार को कहा कि उनके जीवन पर क्रिकेट का इतना प्रभाव था कि खेल ने उन्हें बेहतर इंसान बना दिया।
द्रविड़ ने यहां बीआईटीएस पिलानी गोवा कैम्पस में दीक्षांत समारोह के मौके पर कहा,‘क्रिकेट से संन्यास लेने के डेढ़ साल बाद मुझे पता चला कि क्रिकेट ने मुझे बेहतर इंसान बनाया है। मैं सफलताओं और असफलताओं से सीखता हूं।’ द्रविड़ ने अपने स्कूली दिनों और प्रिंसिपल फादर कोल्हो का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता उनके खेल के बड़े प्रशंसक थे।
उन्होंने कहा,‘आस्ट्रेलिया दौरे के बाद मुझे लगा कि अगली पीढ़ी के लिये रास्ता बनाने का समय आ गया है। अब मैं फिर वह छोटा सा बच्चा बन गया हूं जो अपने पिता के स्टूडियो में बैठकर क्रिकेट की कमेंट्री सुनता है।’
उन्होंने यह भी कहा कि सफल होने के लाखों रास्ते हैं। उन्होंने कहा ,‘आपको दुनिया में नंबर एक होने की जरूरत नहीं है। आपको अपनी नजर में नंबर एक बनना है। अपने सारे लक्ष्य हासिल करने हैं।’ (एजेंसी)
राहुल द्रविड़
क्रिकेट से संन्यास लेने के डेढ़ साल बाद मुझे पता चला कि क्रिकेट ने मुझे बेहतर इंसान बनाया: राहुल द्रविड़
भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने रविवार को कहा कि उनके जीवन पर क्रिकेट का इतना प्रभाव था कि खेल ने उन्हें बेहतर इंसान बना दिया।
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