फिक्सिंग: मसौदा कानून से संतुष्ट नहीं खेल मंत्रालय
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फिक्सिंग: मसौदा कानून से संतुष्ट नहीं खेल मंत्रालय

खेलों में फिक्सिंग और भ्रष्टाचार को रोकने के लिये प्रस्तावित कानून के पहले मसौदे से खेल मंत्रालय संतुष्ट नहीं है और वह इसमें ‘व्यापक बदलाव’ चाहता है। खेल सचिव पी के देब ने कहा, ‘हमें आज मसौदा मिला लेकिन प्रस्तावित कानून में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है।’

नई दिल्ली : खेलों में फिक्सिंग और भ्रष्टाचार को रोकने के लिये प्रस्तावित कानून के पहले मसौदे से खेल मंत्रालय संतुष्ट नहीं है और वह इसमें ‘व्यापक बदलाव’ चाहता है। खेल सचिव पी के देब ने कहा, ‘हमें आज मसौदा मिला लेकिन प्रस्तावित कानून में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘हम प्रस्तावित मसौदे में जरूरी बदलाव कर रहे हैं। सभी तरह के बदलाव करने के बाद हम कल इसे कानून मंत्रालय के पास भेज देंगे।’
मसौदा कानून को विधि मंत्री कपिल सिब्बल को दिखाने के बाद विधायी विभाग ने खेल प्रशासकों और पूर्व खिलाड़ियों जैसे विशेषज्ञों की सलाह लेने के लिये उसकी प्रति खेल मंत्रालय को भेज दी थी। देब ने कहा कि खेल मंत्रालय देश में सट्टेबाजी को कानूनी बनाने के पक्ष में है।
उन्होंने कहा, ‘हम अन्य देशों के प्रारूपों का अध्ययन कर रहे हैं और सर्वश्रेष्ठ कानून तैयार करना चाहते हैं। मैं समझता हूं कि सट्टेबाजी को कानूनी जामा पहनाना जरूरी है। इसके अलावा कड़ा दंडात्मक प्रावधान भी होना चाहिए। अधिकतर देशों में इस तरह की व्यवस्था है।’
हाल में समाप्त हुए इंडियन प्रीमियर लीग में स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के कारण प्रस्तावित कानून में खिलाड़ियों को किसी टूर्नामेंट भाग लेते हुए गलत काम करने से रोकने के लिये इसे दंडनीय अपराध बनाया जा रहा है। (एजेंसी)

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