नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम का 10 वर्षो तक कमान सम्भालने वाले बाइचुंग भूटिया ने भारत के लिए आखिरी मैच खेला। जर्मनी के अग्रणी फुटबाल क्लब बायर्न म्यूनिख ने मंगलवार को ऑडी फुटबाल समिट के अंतर्गत जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए दोस्ताना मुकाबले में भारत की राष्ट्रीय फुटबाल टीम को 4-0 से हरा दिया। मध्यांतर तक विजेता टीम इसी अंतर से आगे थी। बायर्न के लिए थॉमस मूलर ने 29वें और 37वें मिनट में गोल किए जबकि मारियो गोमेज ने 14वें तथा उपकप्तान बास्तियन स्वेनस्टीगर ने 43वें मिनट में गोल किया।
मध्यांतर के बाद भारतीय टीम ने थोड़ा सुधरा हुआ खेल दिखाया और बायर्न को कोई अन्य गोल करने का मौका नहीं दिया लेकिन भारतीय अग्रिम पंक्ति और मिडफिल्ड के बीच सामंजस्य की कमी साफ नजर आई।
मूलर ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए फीफा विश्व कप में गोल्डन बूट पुरस्कार जीता था। मुलर ने सबसे अधिक पांच गोल किए थे। 22 वर्षीय मूलर को पांच गोल करने और तीन गोल में मदद करने के लिए गोल्डन बूट दिया गया था।
यह मैच भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक सबक के तौर पर रहा। बायर्न के खिलाड़ियों ने भारतीय टीम को साधारण और उच्चस्तरीय खेल के बीच का फर्क दिखाया। पूरे मैच के दौरान बायर्न ने जहां दो दर्जन से अधिक हमले किए वहीं भारतीय टीम गोल करने का इक्का-दुक्का प्रयास ही कर सकी।
यह मैच भारतीय फुटबाल टीम का 10 वर्षो तक कमान सम्भालने वाले बाइचुंग भूटिया का विदाई मैच था। भूटिया ने बीते वर्ष अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास की घोषणा की थी। भूटिया ने 100 से अधिक मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है।
84वें मिनट में जब भूटिया मैदान से बाहर जाने लगे, तब बायर्न के खिलाड़ियों ने भी उनका अभिनंदन किया। भारतीय और बायर्न के खिलाड़ियों से एक-एक करके मिलने के बाद भूटिया मैदान से बाहर आए और अपने साथियों से मिले।
इस तरह भारतीय फुटबाल में एक युग की समाप्ति हुई। भूटिया सिक्किम के निवासी हैं और यही कारण है कि ऑडी समिट से होने वाली आय का एक हिस्सा उनके गृह प्रदेश में बीते वर्ष के विनाशकारी भूकम्प की चपेट में आए लोगों की मदद के लिए दिया जाएगा। (एजेंसी)