मयप्पन, कुंद्रा पर फैसले पर रोक से SC का इनकार
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मयप्पन, कुंद्रा पर फैसले पर रोक से SC का इनकार

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसमें बीसीसीआई द्वारा आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय जांच आयोग को अवैध और असंवैधानिक करार दिया गया था।

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसमें बीसीसीआई द्वारा आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय जांच आयोग को अवैध और असंवैधानिक करार दिया गया था।
बीसीसीआई द्वारा गठित जांच समिति ने बोर्ड के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के सह मालिक राज कुंद्रा को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्लीन चिट दे दिया है।
उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इंकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार क्रिकेट संघ को बीसीसीआई की याचिका पर जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। उसने बीसीसीआई को भी इसका प्रत्युत्तर देने के लिए अतिरिक्त एक हफ्ते का समय दिया है।
क्रिकेट बोर्ड के वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम ने न्यायमूर्ति एके पटनायक और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ को बताया कि अवकाश प्राप्त न्यायाधीश टी. जयराम चौटा और आर. बालासुब्रमण्यम का दो सदस्यीय जांच आयोग गठित करना बीसीसीआई के नियमों और संविधान के अनुरूप है। इसे सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने यह नोटिस जारी किया। सुंदरम ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को गलत ठहराते हुए तर्क दिया कि अदालत ने बीसीसीआई के उन नियमों की उपेक्षा की है, जिनके अनुसार उसे इस तरह का कोई जांच आयोग गठित करने का पूरा अधिकार है।
सुंदरम ने कहा कि 10 जून को हुई बीसीसीआई की कार्य समिति की बैठक में दिल्ली क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि अरुण जेटली ने कहा था कि समिति में तीसरे सदस्य को नामित करने की आवश्यकता नहीं है। कार्य समिति की बैठक से पहले बीसीसीआई के सचिव संजय जगदाले ने इस्तीफा दे दिया था। बिहार क्रिकेट संघ की तरफ से न्यायालय के समक्ष पेश हुईं वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम ने न्यायालय को बताया कि किसी को भी नहीं पता है कि जांच समिति के लिए दोनों न्यायाधीशों की नियुक्ति किसने की।
न्यायमूर्ति पटनायक ने जब चिदंबरम को याद दिलाया कि दोनों मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं तो चिदंबरम ने कहा कि यही तो परेशानी की बात है। चिदंबरम ने न्यायालय को बताया कि बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के पास जांच समिति की सदस्य संख्या घटाने का कोई अधिकार नहीं था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 29 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है। (एजेंसी)

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