मोहाली में अजेय बढ़त के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के गढ़ रांची में इंग्लैंड को बुरी तरह परास्त करने के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम बुधवार को पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) मैदान पर होने वाले चौथे मैच में मेहमान टीम को हराकर पांच मैचों की इस श्रृंखला को अपने नाम करना चाहेगी।

मोहाली : कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के गढ़ रांची में इंग्लैंड को बुरी तरह परास्त करने के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम बुधवार को पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) मैदान पर होने वाले चौथे मैच में मेहमान टीम को हराकर पांच मैचों की इस श्रृंखला को अपने नाम करना चाहेगी।
रांची में पहली बार खेले गए किसी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारतीय टीम ने सहारनीय प्रदर्शन किया था। उसने इंग्लिश टीम को सस्ते में समेटने के बाद सात विकेट से जीत हासिल की थी। भारतीय टीम का यह प्रदर्शन कोच्चि से ही जारी है और इस कारण खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं।
इसी बुलंद हौसले के दम पर भारत पीसीए मैदान पर इस श्रृंखला को अपने नाम कर इंग्लैंड को लगातार तीसरी बार भारत में एकदिवसीय श्रृंखला हारने पर मजबूर करना चाहेगी। वैसे बीते दो मौकों पर भारत ने 5-0, 5-0 से जीत हासिल की है लेकिन इस बार यह आंकड़ा थोड़ा बदला हुआ हो सकता है क्योंकि इंग्लिश टीम राजकोट में जीत का खाता खोल चुकी है।
राजकोट मैच तक इंग्लिश टीम के लिए सबकुछ अच्छा चल रहा था लेकिन अचानक उसके लिए समीकरण बदल चुके हैं। इंग्लिश टीम के कप्तान एलिस्टर कुक इस असमंजस में होंगे कि उनके साथियों के खेल में गिरावट आई है या फिर भारतीय खिलाड़ियों के खेल का स्तर सुधरा है। इस असमंजस में कुक के लिए मोहाली और फिर धर्मशाला में जीत हासिल करने में मुश्किल आ सकती है।
कुक को यह बात समझनी होगी कि उसकी टीम में प्रदर्शन की निरंतरता की कमी है। कभी उसका शीर्ष क्रम पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करता है और कभी 50 रन भी नहीं जोड़ पाता है। कभी उसका मध्य क्रम ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करता है और कभी रनों के टोटे पड़ जाते हैं। यही हाल गेंदबाजों का है। उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के कारण ही इंग्लिश टीम को कोच्चि और फिर रांची में हार मिली।
रांची में वैसे इंग्लिश गेंदबाजों के सामने मैच बचाने के लिए एक तरह से सुरक्षित लक्ष्य नहीं था। इसका श्रेय भारतीय गेंदबाजों को जाता है, जिन्होंने अपनी विविधता के दम पर इंग्लिश टीम को सस्ते में समेटा और फिर बल्लेबाजों ने अपना काम बखूबी करते हुए सात विकेट से जीत हासिल की लेकिन शीर्ष क्रम की नाकामी भारत के लिए अब भी चिंता का कारण है।
वीरेंद्र सहवाग के स्थान पर टीम में शामिल किए गए अजिंक्य रहाणे लगातार नाकाम रहे हैं और यही कारण है कि कोच डंकन फ्लेचर ने उनके लिए खास अभ्यास सत्र का आयोजन किया और मोहाली में उनकी बल्लेबाजी पर गौर किया। रहाणे स्तरीय बल्लेबाज हैं। उनके फार्म में लौटने से भारत को काफी मजबूती मिलेगी लेकिन फिलहाल इसके आसार कम हैं।
ऐसे में भारत के मध्य क्रम को ही रन बनाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। विराट कोहली 77 रनों की नाबाद पारी के साथ फार्म में लौटने का संकेत दे चुके हैं। युवराज सिंह और सुरेश रैना छोटी किंतु उपयोगी पारियां खेलते रहे हैं। इन दोनों को विकेट पर अधिक समय तक टिककर अपनी पारियों को बड़ा रूप देना होगा, जिससे कि टीम का स्कोर 300 के करीब पहुंच सके।
कप्तान धौनी शानदार फार्म में हैं। निचले क्रम पर रवींद्र जडेजा भी अच्छी लय में दिख रहे हैं। जडेजा ने कोच्चि में शानदार बल्लेबाजी करते हुए जीत का आधार तय किया था। उनकी गेंदबाजी में ज्यादा पैनापन नजर आ रहा है। रविचंद्रन अश्विन से पहले बल्लेबाजी के लिए उन्हें उतारना बहस का मुद्दा हो सकता है लेकिन जब तक सबकुछ अच्छा चल रहा हो तो कप्तान धौनी इस संयोजन का संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहेंगे।
मोहाली में सर्दी का जोर है और इस कारण भुवनेश्वर कुमार और शमी अहमद को गेंद स्विंग कराने में मदद मिल सकती है। यह मैदान भारत के लिए लकी रहा है। यहां खेले गए बीते दो मुकाबलों में भारत को जीत मिली है। वैसे यहां भारत ने अब तक कुल 11 मैच खेले हैं, जिनमें से सात में उसे जीत मिली है जबकि चार में हार।
इंग्लैंड के साथ भारत की इस मैदान पर अब तक की दूसरी भिड़ंत होगी। इससे पहले उसने 20 अक्टूबर, 2011 को यहां इंग्लैंड को हराया था। उस मैच में रहाणे ने सबसे अधिक 91 रन बनाए थे। काश रहाणे अपनी उसी पारी से प्रेरणा पाकर फार्म में लौट सकें। इंग्लिश टीम को हराने वाली टीम के सात खिलाड़ी आज की टीम में हैं। ऐसे में इन सभी से अक्टूबर, 2011 वाले प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद की जा सकती है। (एजेंसी)

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