राजकोट में हारा भारत, इंग्लैंड ने बनाई 1-0 की बढ़त

इयान बेल और कप्तान एलिस्टेयर कुक के अर्धशतकों के बाद जेम्स ट्रेडवेल के फिरकी के जादू ने इंग्लैंड ने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में शुक्रवार को यहां भारत को रोमांचक मुकाबले में नौ रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली। भारत में पिछली चार वनडे श्रृंखलाओं में इंग्लैंड ने पहली बार जीत से शुरुआत की है।

राजकोट : इयान बेल और कप्तान एलिस्टेयर कुक के अर्धशतकों के बाद जेम्स ट्रेडवेल के फिरकी के जादू ने इंग्लैंड ने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में शुक्रवार को यहां भारत को रोमांचक मुकाबले में नौ रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली। भारत में पिछली चार वनडे श्रृंखलाओं में इंग्लैंड ने पहली बार जीत से शुरुआत की है।
ट्रेडवेल ने 44 रन देकर चार विकेट चटकाए जिससे भारतीय टीम 326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए नौ विकेट पर 316 रन ही बना सकी। इस आफ स्पिनर ने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए भारत के शीर्ष चार स्कोरर युवराज सिंह (61), गौतम गंभीर (52), सुरेश रैना (50) और अजिंक्य रहाणे (47) को पवेलियन भेजा।
जेड डर्नबैक और टिम ब्रेसनेन ने ट्रेडवेल का अच्छा साथ निभाते हुए दो-दो विकेट चटकाए।
इससे पहले इंग्लैंड ने बेल (85) और कुक (75) के अर्धशतकों और दोनों के बीच पहले विकेट की रिकार्ड 158 रन की साझेदारी की मदद से चार विकेट पर 325 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
इस हार के साथ भारत ने मौजूदा श्रृंखला के बाद आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक टीम बनने का मौका भी गंवा दिया। इसके लिए टीम इंडिया को क्लीनस्वीप की जरूरत थी। भारत में पिछली चार वनडे श्रृंखलाओं में इंग्लैंड ने पहली बार जीत से शुरूआत की है। भारत में पिछली तीन श्रृंखलाओं में इंग्लैंड को 5-1, 5-0 और 5-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
भारतीय सरजमीं पर 12 अप्रैल 2006 के बाद इंग्लैंड की वनडे में यह पहली जीत है।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत को गंभीर (52) और रहाणे (47) की सलामी जोड़ी ने 96 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलाई लेकिन ये दोनों छह रन के भीतर पवेलियन लौट गए।
कुक ने इसके बाद गेंद ट्रेडवेल को थमाई। गंभीर ने ट्रेडवेल पर चौका जड़ा लेकिन इस आफ स्पिनर ने रहाणे को लांग आफ पर डर्नबैक के हाथों कैच करा दिया। उन्होंने 57 गेंद की अपनी पारी में छह चौके मारे।
गंभीर ने 18वें ओवर में जो रूट की गेंद पर एक रन के साथ 48 गेंद में अपना अर्धशतक और फिर इसी ओवर में टीम के रनों का सैकड़ा पूरा किया। वह ट्रेडवेल के अगले ओवर में मिडविकेट पर बेल को कैच थमा बैठे। उन्होंने 52 गेंद का सामना करते हुए सात चौके मारे। विराट कोहली भी 22 गेंद में 15 रन बनाने के बाद ब्रेसनेन की गेंद पर विकेटकीपर क्रेग कीस्वेटर को कैच देकर पवेलियन लौटे।
युवराज और रैना ने नौ ओवर में 60 रन जोड़कर पारी को संभाला। युवराज ने ब्रेसनेन की गेंद को डीप स्क्वायर लेग पर छह रन के लिए भेजने के बाद डर्नबैक के ओवर में तीन चौके मारे। उन्होंने पदार्पण कर रहे जो रूट पर भी लगातार दो चौके मारे। उन्होंने डर्नबैक की गेंद पर चार रन के साथ सिर्फ 38 गेंद में अपने वनडे कैरियर का 50वां अर्धशतक पूरा किया।
युवराज हालांकि इसके बाद ट्रेडवेल की गेंद को पैडल स्वीप करने की कोशिश में शार्ट फाइन लेग पर डर्नबैक को कैच दे बैठे। उन्होंने 54 गेंद का सामना करते हुए आठ चौके और एक छक्का मारा।
भारत को युवराज के आउट होते ही अगले ओवर में पांच ओवर का अनिवार्य पावरप्ले लेना पड़ा और इसमें रैना ने फिन और डर्नबैक पर दो-दो चौके मारे। रैना हालांकि फिन के ओवर में भाग्यशाली रहे जब ब्रेसनेन ने थर्डमैन पर उनका कैच लपक लिया।
तीसरे अंपायर ने हालांकि रैना को नाबाद करार दिया क्योंकि ब्रेसनेन ने कैच करने के बाद गेंद जमीन पर छुआ दी थी। पावर प्ले के पांच ओवर में 33 रन बने।
भारत को अंतिम आठ ओवर में जीत के लिए 83 रन की दरकार थी। धोनी ने समित पटेल पर दो और ब्रेसनेन पर एक छक्का जड़कर रन और गेंदों के बीच के अंतर को कम किया। धोनी हालांकि इसके बाद डर्नबैक की धीमी गेंद को छह रन के लिए भेजने की कोशिश में लांग आफ पर रूट को कैच दे बैठे। उन्होंने 25 गेंद की अपनी पारी में चार छक्कों की मदद से 32 रन बनाए।
निचले क्रम में भुवनेश्वर कुमार ने 16 गेंद में नाबाद 20 जबकि अश्विन ने आठ गेंद में 13 रन बनाए लेकिन टीम केा जीत नहीं दिला सके।
इससे पहले बेल और कुक ने भारत के खिलाफ इंग्लैंड का साझेदारी का 30 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा। बेल ने 96 गेंद की अपनी पारी में नौ चौके और एक छक्का जबकि कुक ने 83 गेंद में 11 चौके और एक छक्का जड़ा। इससे पूर्व का रिकार्ड बैरी वुड और क्रिस टवारे के नाम था जिन्होंने 1982 में हैडिंग्ले में पहले विकेट के लिए 133 रन की साझेदारी की थी।
इन दोनों के अलावा समित पटेल ने सिर्फ 20 गेंद में छह चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 44 रन बनाए और क्रेग कीस्वेटर (नाबाद 24) के साथ पांचवें विकेट के लिए 6 . 1 ओवर में 70 रन की अटूट साझेदारी की। केविन पीटरसन ने 44 जबकि इयोन मोर्गन ने 41 रन का योगदान दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 9 . 5 ओवर में 76 रन की साझेदारी की लेकिन दोनों को अशोक डिंडा ने 12 गेंद के भीतर पवेलियन भेज दिया।
सुरेश रैना ने पांच ओवर में 18 रन देकर एक विकेट हासिल किया। रविंद्र जडेजा ने किफायती गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में 46 रन दिए लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
टास जीतकर बल्लेबाजी करने उतरे इंग्लैंड की शुरुआत शानदार रही। बेल ने अधिक आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने इशांत और भुवनेश्वर कुमार पर चौके जड़े। वह 15 रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब भुवनेश्वर की गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर और स्लिप के बीच से चार रन के लिए चली गई। दूसरी तरफ कुक की शुरूआत धीमी रही।
उन्होंने छठे ओवर में इशांत पर अपना पहला चौका जड़ा और फिर इसी ओवर में दो और चौके मारे। बेल ने जडेजा पर लांग आन पर पारी का पहला छक्का जड़ा और फिर इसी गेंदबाज पर चौका मारकर 60 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। कुक ने आर अश्विन पर चौका और फिर एक रन के साथ 80 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने अश्विन पर लांग आफ पर छक्का भी जड़ा। धोनी ने 28वें ओवर में गेंद रैना को थमाई। कुक ने उनकी गेंद को फाइन लेग पर खेलकर एक रन चुराने की कोशिश की लेकिन रहाणे के सटीक थ्रो पर बेल को पवेलियन लौटना पड़ा।
कुक भी इसके बाद रैना को स्वीप करने की कोशिश में फाइन लेग पर रहाणे को कैच दे बैठे।
दोनों सलामी बल्लेबाज 14 रन के भीतर पवेलियन लौट गए लेकिन वे अन्य बल्लेबाजों के लिए मजबूत मंच तैयार कर गए थे जिसका पहले पीटरसन और मोर्गन तथा बाद में पटेल और कीस्वेटर ने पूरा फायदा उठाया। (एजेंसी)

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