सचिन तेंदुलकर की जगह भरना असंभव : द्रविड़
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सचिन तेंदुलकर की जगह भरना असंभव : द्रविड़

पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनकी जगह भरना असंभव होगा लेकिन खेल चलता रहेगा। द्रविड़ ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई उनकी जगह ले पायेगा। यह असंभव है।

लंदन : पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उनकी जगह भरना असंभव होगा लेकिन खेल चलता रहेगा। द्रविड़ ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई उनकी जगह ले पायेगा। यह असंभव है। जब सुनील गावस्कर ने संन्यास लिया तो लोगों ने कहा कि अगला सुनील गावस्कर कहां से आएगा लेकिन तभी हमें सचिन तेंदुलकर मिल गया। ’’ तेंदुलकर ने पिछले साल वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था लेकिन माना जा रहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट में अभी कुछ समय तक बने रहेंगे। द्रविड़ ने कहा, ‘‘एक पूरी पीढ़ी को यह अटपटा लगेगा क्योंकि वह सचिन को खेलते हुए देखकर बड़े हुए हैं लेकिन यह अपरिहार्य है। ऐसा होगा। यही जिंदगी है। क्रिकेट चलता रहेगा। यह किसी भी व्यक्ति से बड़ा है। महान खिलाड़ी उससे पहले भी खेलते रहे हैं और उसके बाद भी खेलेंगे। ’’ कपिल ने उस दिन को याद किया जब उन्होंने पहली बार तेंदुलकर को बल्लेबाजी करते हुए देखा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहली बार उसे ब्रेबोर्न स्टेडियम में बल्लेबाजी करते हुए देखा और मुझे उसे गेंदबाजी करने के लिये कहा गया। ’’
कपिल ने कहा, ‘‘मुझसे कहा गया कि इससे उसका उत्साह बढ़ेगा। मैंने कहा कि वह कौन है। मुझे बताया गया कि उसने स्कूल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और मैं उसे केवल कुछ गेंद करूं। वह 14 साल का लग रहा था। मैं उसे गेंदबाजी करते हुए नर्वस था। वह मेरे सामने काफी छोटा था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दो तेज गेंद फेंकी। उसने उन्हें फ्लिक किया और उस उम्र में भी वह नेट पर बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। ’’
तेंदुलकर की सर्वश्रेष्ठ पारी के बारे में बताने पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और गावस्कर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1992 में पर्थ में खेली गयी पारी का जिक्र किया। भारत उस मैच में बुरी तरह हार गया था लेकिन तेंदुलकर ने वाका की उछाल वाली पिच पर 114 रन की पारी खेली थी। गांगुली ने कहा, ‘‘वह अब भी सर्वश्रेष्ठ पारी है। यह 18 साल का था। पर्थ की पिच में काफी उछाल थी। हमने उस श्रृंखला में करारी हार झेली थी लेकिन उसने वाका की तेज पिच पर क्रेग मैकडरमाट और मर्व ह्यूज पर करारे शाट जमाये थे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हम अक्सर आस्ट्रेलियाई दौरे पर जाते हैं और हमें उस तरह की पिचों पर खेलने का अनुभव है लेकिन तब हम छह साल में एक बार आस्ट्रेलिया जाते थे और हम उस तरह की तेज और उछाल वाली पिच पर खेलने के आदी नहीं थे।’’ (एजेंसी)

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