सभी जरूरतें पूरी नहीं होने तक IOA का निलंबन बरकरार : IOC
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सभी जरूरतें पूरी नहीं होने तक IOA का निलंबन बरकरार : IOC

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निलंबित करने के लिए लिखे पत्र में साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय खेल संस्था तब तक निलंबित रहेगी जब तक वह ओलंपिक चार्टर के सभी नियमों और आईओसी की सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर देती।

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निलंबित करने के लिए लिखे पत्र में साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय खेल संस्था तब तक निलंबित रहेगी जब तक वह ओलंपिक चार्टर के सभी नियमों और आईओसी की सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर देती।
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा को लिखे पत्र में आईओसी अध्यक्ष जाक रोगे ने ओलंपिक चार्टर और आईओसी की जरूरतों का साफ तौर पर वर्णन किया है।
जिन जरूरतों को पूरा किया जाना है उनमें ‘पूरी स्वायत्तता की गारंटी, ओलंपिक चार्टर और अपने संविधान के मुताबिक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना तथा दैनिक प्रबंधन में नैतिकता और अच्छे संचालन के सभी मूल सिद्धांतों का लागू करना’ शामिल है। रोगे ने साथ ही कहा कि आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने फैसला किया है कि आईओए ओलंपिक चार्टर या आईओसी से मिले किसी अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
आईओसी प्रमुख ने अपने पत्र में कहा, आईओसी आईओए को मिलने वाली सभी वित्तीय सहायता रोक देगा। इसके अलावा आईओए को आईओसी की स्वीकृति के बिना किसी तरह का चुनाव कराने की इजाजत नहीं होगा। आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने इस मामले में आगे की कार्रवाई करने और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक प्रतियोगिताओं से संबंधित टूर्नामेंटों में भारतीय एथलीटों के प्रतिनिधित्व के संबंध में अधिकार सुरक्षित रखा है। आईओए को निलंबित करने के कारणों की जानकारी देते हुए रोगे ने कहा, आईओए को अपने चुनाव में नियमों के पालन को लेकर बाहरी हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा था जिससे आईओए की स्वायत्तता और आईओए संविधान और ओलंपिक चार्टर के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने को खतरा था।
उन्होंने कहा, आईओसी अपने संविधान और ओलंपिक चार्टर के अलावा नैतिकता और अच्छे संचालन के मूल सिद्धांतों को लागू कराने में विफल रहा। (एजेंसी)

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